बीते सप्ताह पिता के देहांत केगम का सामने करने वाली दो बार की एशियन चैंपियन पूजा रानी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट स्ट्रेंडजा मेमोरियल की तैयारियों के लिए राष्ट्रीय शिविर में पहुंच चुकी है। टोक्यो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय करने वाली 81 किग्रा भार वर्ग की मुक्केबाज 18 फरवरी से बुल्गारिया के सोफिया में आयोजित प्रतियोगिता के लिए कोई कड़ी मेहनत भी कर रही है। बातचीत में कहा है कि वह कल ही राष्ट्रीय शिविर में पहुंच चुकी हैं। उनकी आवाज में पिता के देहांत का दर्द भी मौजूद था। उन्हें जीवन में उतार-चढ़ाव और मुश्किलों को झेलने की आदत हो चुकी है। चाहे वह करिअर को प्रभावित करने वाली कंधे की चोट हो या एक बड़े टूर्नामेंट से पहले हाथ का जल जाना। पूजा इस बात को समझती है कि जिंदगी का काम आगे भी चलते रहना चाहिए।

उनके पिता राजवीर सिंह हरियाणा पुलिस के सेवानिवृत्त इंस्पेक्टर भी थे। जहां इस बारें में पूजा ने कहा है कि बीते मांग भाई की शादी के 5 दिन बाद जब मैं शिविर लौटी तो पता चला कि 1 फरवरी की सुबह अचानक दिल का दौरा पड़ने से उनकी जान चली गई है। इस सदमे से निकलने कठिन था। वह मेरी सबसे बड़ी प्रेरणा मिली थी। मैं उनके बहुत क्लोज थी। जब मैं शिविर वापस आ रही थी, तो मुझे विदा करते वक़्त उन्होंने विजय चिन्ह बना कर दिखाया था, मैं इसे दिमाग से नहीं निकाल पाऊँगी।
अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने आगे कहा है कि मुझे उम्मीद है कि मैं अपने खेल से उन्हें गौरवान्वित महसूस करा सकूं। इस दौरान कहा है कि इन घटनाओं से तैयारी करने का मौका अब तक नहीं मिल पाया है, फिर भी स्ट्रेंडजा में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करने वाली हूँ। इस टूर्नामेंट के जरिए यूरोपीय सत्र की शुरुआत होगी, जिसमें पुरुष और महिला मुक्केबाज दोनों शामिल होंगे।
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