पाकिस्तान डूरंड लाइन पर अफगान नागरिकों को पहचान पत्र कर रहा जारी

काबुल, पाकिस्तान डूरंड लाइन के पार अफगान नागरिकों को पहचान पत्र जारी कर जनसांख्यिकी परिवर्तन लाने की कोशिश कर रहा है। अयानंग्शा मैत्रा ने खामा प्रेस में एक ओपिनियन पीस में लिखा है कि डूरंड सीमा के पार अफगान नागरिकों को नागरिकता जारी करके पाकिस्तान क्षेत्र में जनसांख्यिकीय परिवर्तन ला सकता है। पाकिस्तान द्वारा अफगान नागरिकों को जबरन पहचान पत्र जारी करना सिर्फ एक सत्तावादी कदम नहीं है बल्कि यह अफगान की संप्रभुता पर भी सवाल खड़ा करता है। यह मामला ऐसे समय में सामने आया है जब अफगानिस्तान कई चुनौतियों का सामना कर रहा है और इस मुश्किल समय से बाहर निकलने के लिए पाकिस्तान पर निर्भर है।

द खामा प्रेस ने एक रिपोर्ट में बताया कि पिछले हफ्ते, एक विश्वसनीय अफगान समाचार तार ने एक लेख प्रकाशित किया, जिसमें लिखा था कि डूरंड रेखा के पास दक्षिणी कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले में लुकमान और जहांगीर गांवों को पाकिस्तानी पहचान पत्र जारी किए गए हैं। पाकिस्तान ने पहले लुकमान और जहांगीर गांवों के आसपास के इलाकों में एक जनगणना अध्ययन शुरू किया और दोनों को अपना क्षेत्र होने का दावा किया। जब अफगान सुरक्षा बलों ने उन्हें रोकने का प्रयास किया, तो यह भयंकर युद्ध में बदल गया। माना जाता है कि अफगानिस्तान की प्रांतीय सरकार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।

अफगानिस्तान और पाकिस्तान के बीच की सीमा को डूरंड रेखा कहते हैं, जिसका नाम 1890 के दशक के एक ब्रिटिश कर्नल के नाम पर रखा गया था। डूरंड रेखा के किनारे हजारों अफगान ग्रामीणों को पाकिस्तान से राष्ट्रीय पहचान पत्र प्राप्त हुआ है, हालांकि उनके पास पहले से वैध अफगान तजकिरा (राष्ट्रीय पहचान पत्र) मौजूद हैं। इसके अलावा, सीमा पर पाकिस्तान की तरफ से लगाई गई बाड़ से डूरंड रेखा के दोनों ओर के निवासी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। पाकिस्तान ने अफगानिस्तान से लगी अपनी पूरी विवादित 2,670 किलोमीटर लंबी सीमा को लगभग घेर लिया है। पाकिस्तान के डीजी आइएसपीआर के मुताबिक, 94 फीसद फेंसिंग का काम पूरा हो गया है।

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