आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ने का दावा करने वाले पाकिस्तान को बड़ी राहत मिल सकती है. अभी तक के हालात को देखते हुए इस बात की उम्मीद काफी ज्यादा है कि फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के द्वारा पाकिस्तान को फरवरी में ग्रे लिस्ट से बाहर निकाला जा सकता है. 16 फरवरी को FATF की बैठक होने वाली है जिसमें ये बड़ा फैसला लिया जा सकता है.
सूत्रों की मानें तो चीन की मदद से जो पाकिस्तान लॉबिंग करने की कोशिश कर रहा था, वो सफल होती दिख रही है. अभी भी 75% से अधिक चांस है कि पाकिस्तान इस ग्रे लिस्ट से बाहर हो सकता है. अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलता है तो वह व्हाइट लिस्ट में शामिल हो जाएगा, यानी उसके लिए मदद मिलना जारी रहेगी.
FATF वो संस्था है जो आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे देशों का रिव्यू करती है और उसके आधार पर उन्हें आर्थिक मदद दी जाती है. अभी तक पाकिस्तान आतंक से लड़ाई के नाम पर दुनिया की कई बड़ी संस्थाओं, देशों से पैसा लेता था लेकिन अगर वह ग्रे लिस्ट से बाहर होगा तो आर्थिक तौर पर उसपर पड़ रही मार से उसे कुछ राहत मिल सकती है.
चीन की ओर से अंतरराष्ट्रीय मंचों पर लगातार पाकिस्तान को बचाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन हर बार वह नाकाम रह जाता है. FATF की बड़ी बैठक से पहले चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि पाकिस्तान ने आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ने के काफी प्रयास किए हैं, उसकी राजनीतिक इच्छाशक्ति पर दुनिया को भरोसा करना होगा. चीन ने उम्मीद जताई है कि FATF की ओर से पाकिस्तान को आर्थिक सपोर्ट देने की प्रक्रिया जारी रहेगी.
सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने दावोस में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समेत कई देशों के प्रमुखों से मुलाकात की. इस दौरान इस मुद्दे पर हर किसी से बात की गई. बता दें कि पाकिस्तान को 39 में से 12 वोट चाहिए, जिसकी मदद से वो ग्रे लिस्ट से व्हाइट लिस्ट में पहुंच जाएगा.
गौरतलब है कि भारत की ओर से कई बार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान का दोहरा चरित्र सामने लाने की कोशिश की है. भारत लगातार इस बात के सबूत पेश करते आया है कि पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा, जैश ए मोहम्मद जैसे संगठनों के खिलाफ मजबूत कार्रवाई नहीं की है.