पुलवामा हमले के मास्टरमाइंड गाजी राशिद के खात्मे के बाद सारी दुनिया की निगाहें आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर टिकी हुई है. पुलवामा में हुए हमले के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान से सख्त लहजे में कहा है कि वह मसूद अजहर को आतंकियों की लिस्ट में डालें. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है. ऐसे में वो लगातार पाकिस्तान पर दवाब बना रहा है कि वह अजहर को आतंकियों को लिस्ट में डालें.
WION के सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के मुताबिक, “इस संदेश को इस्लामाबाद में पाकिस्तानी अधिकारियों और वॉशिंगटन में पाकिस्तानी राजनयिकों तक पहुंचा दिया गया है.” रायनायिक सूत्रों के अनुसार, अमेरिका पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद और उसके नेता मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र की वैश्विक सूची में डालने के कदमों का विरोध नहीं करने का आग्रह कर रहा है. बता दें कि चीन ने पिछले तीन बार वीटो के जरिए मसूद अजहर को आतंकी सूची में रखा था.
पुलवामा में सीआरपीएफ के जवानों पर हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने अमेरिका से जैश और उसके नेता को संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादियों की सूची में रखने के लिए अपने कदम का समर्थन करने का आग्रह किया. अगर जैश को आतंकियों की लिस्ट में पाकिस्तान रखता है तो उसे जल्द ही इसके खिलाफ कोई कड़ा एक्शन लेना होगा.
अमेरिका के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जॉन बोल्टन ने अपने अमेरिकी समकक्ष अजित डोभाल के साथ फोन पर बातचीत में पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले पर हुए आतंकी हमले पर अपनी संवेदनाएं व्यक्त करने के साथ ही जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के भारत के प्रयास के प्रति समर्थन जताया है. बयान के मुताबिक, अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति के तहत सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत के आत्मरक्षा के अधिकार के प्रति समर्थन जताया.
चीन हमेशा अटकाता रहा है रोड़ा
डोभाल और बोल्टन ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों के तहत अपने दायित्वों के लिए जवाबदेही स्वीकार करने और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव के तहत अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद जैश-ए-मोहम्मद को पहले ही आतंकवादी संगठन घोषित कर चुका है. चीन अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास में हमेशा रोड़ा अटकाता रहा है. जेईएम के 1989 में आतंकवाद के सिर उठाने के बाद से जम्मू एवं कश्मीर में अंजाम दिए गए सबसे जघन्य हमले की जिम्मेदारी स्वीकरने के बावजूद बीजिंग ने भी संकेत में दिया कि वह अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के प्रयास को रोकता रहेगा.