पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा लगभग सप्ताहभर के लिए अमेरिका जा रहे हैं। खास बात है कि इस दौरे ने एक बार फिर अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ती नजदीकियों की अटकलों को हवा दी है। इस दौरान वह राष्ट्रपति जो बाइडन सरकार के कई मंत्रियों से मुलाकात कर सकते हैं। इससे पहले वह साल 2019 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ अमेरिका गए थे।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, कहा जा रहा है कि पाकिस्तान सैन्य और आर्थिक सहयोग चाहता है। इसलिए बाजवा अमेरिकी रक्षा मंत्री लॉयड ऑस्टिन, खुफिया अधिकारी एवरिड डी हैन्स और सीआईए निदेशक विलियम जे बर्न्स से मिल सकते हैं। खास बात है कि इससे पहले बाजवा और ऑस्टिन के बीच फोन पर भी बात हुई थी और उस दौरान साझा हितों, रक्षा समेत कई मुद्दों पर बात हुई थी।
18 अगस्त को यूएस सेंट्रल कमांड के कमांडर जनरल माइकल ई कुरिला ने पाकिस्तान आर्मी जनरल हेडक्वार्टर्स (GHQ) में जनरल बाजवा के साथ बैठक की थी। उस दौरान सैन्य संबंधों, रक्षा समेत कई मुद्दे उठाए गए थे।
आगामी अमेरिका यात्रा पर बाजवा पाकिस्तान के मामलों में दिलचस्पी रखने वाले अलग-अलग थिंक टैंक्स और अन्य स्कॉलर्स से बात कर सकते हैं। खबरें हैं कि सीआईए और आईएसआई ने काम करने के लिए मंच को दोबारा तैयार किया है। साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि इस्लामाबाद FATF में राहत समेत अमेरिका से काफी समर्थन मांग रहा है।
F-16 को लेकर भारत जता चुका है आपत्ति
अमेरिका की तरफ से पाकिस्तान को F-16 से जुड़ी आर्थिक मदद पर भारत सवाल उठा चुका है। हालांकि, विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन की तरफ से आतंकवाद के विरोध का हवाला देकर अमेरिका के कदम का बचाव किया था। इधर, अमेरिका गए भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान को दी जा रही इस आपूर्ति पर कोई बेवकूफ नहीं बन सकता।
क्या चीन-अमेरिका संबंध सुधारना चाह रहा है पाकिस्तान
खास बात है कि पाकिस्तान नाटो में अमेरिका का साझेदार नहीं है और इधर चीन भी बाजवा की यात्रा को लेकर कुछ नहीं कह रहा है। जबकि, चीन अपनी सीमा से लगे देशों से अमेरिका की बातचीत पर सवाल उठाता रहा है।