इस्लामाबाद: पाकिस्तान के जमात-ए-इस्लामी (JI) के प्रमुख सिराज-उल हक ने अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी पर जश्न मनाने का एलान किया है. सिराज-उल हक ने अनुरोध पर शुक्रवार को पाकिस्तान की सभी मस्जिदों और मदरसों में लाखों मुसलमान जश्न मनाएंगे. ये दावा पाकिस्तान की स्थानीय मीडिया का है.
स्थानीय मीडिया के अनुसार, जश्न के दौरान पाकिस्तान में रैलियां और जुलूस भी निकाले जाएंगे. सिराज-उल हक ने कहा, “अफगानिस्तान से अमेरिका और नाटो बलों की वापसी के बाद, अफगान तालिबान की जिम्मेदारियां बढ़ गई हैं क्योंकि देश लंबे समय से युद्ध में था. अफगानिस्तान के पुनर्निर्माण के लिए एक लंबे समय, कड़ी मेहनत और पूंजी की आवश्यकता है. षड्यंत्रकारी तत्व तबाह अफगानिस्तान को वापस गृहयुद्ध में धकेलना चाहते हैं, लेकिन मुझे यकीन है कि वे सर्वशक्तिमान अल्लाह की कृपा से फेल हो जाएंगे.”
इससे पहले सिराज-उल हक ने एक बयान में कहा था कि तालिबान द्वारा काबुल पर शांतिपूर्ण कब्जा वास्तव में अमेरिका की हार और अफगान लोगों और इस्लामी दुनिया की जीत है. बता दें, तालिबान के कब्जा करने के बाद से अफगानिस्तान में स्थिति बिगड़ती जा रही है. 15 अगस्त को राष्ट्रपति अशरफ गनी के देश छोड़ने के तुरंत बाद अफगान सरकार गिर गई थी. इसके बाद 30 अगस्त की रात अमेरिकी सैनिकों ने भी देश छोड़ दिया.
अब तालिबान अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाने की तैयारी में जुटा है. तालिबान काबुल में ईरान की तर्ज पर नई सरकार के निर्माण की घोषणा करने के लिए पूरी तरह तैयार है. तालिबान के सबसे बड़े धार्मिक नेता मुल्ला हेबतुल्ला अखुंदजादा को अफगानिस्तान का सर्वोच्च नेता बनाया जाएगा. ईरान में नेतृत्व की तर्ज पर यह व्यवस्था की जाएगी, जहां सर्वोच्च नेता देश का सबसे बड़ा राजनीतिक और धार्मिक प्राधिकारी होता है. उसका पद राष्ट्रपति से ऊपर होता है और वह सेना, सरकार और न्याय व्यवस्था के प्रमुखों की नियुक्ति करता है.