पाकिस्तान: आईजी के ‘अपहरण’ पर सिंध पुलिस ने सेना के खिलाफ खोला मोर्चा

पाकिस्तान: आईजी के ‘अपहरण’ पर सिंध पुलिस ने सेना के खिलाफ खोला मोर्चा

पाकिस्तान में राजनीतिक दलों के विरोध के बाद अब पुलिस ने भी सेना के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। नवाज शरीफ के दामाद सफदर अवान की गिरफ्तारी के मामले में सिंध प्रांत के आईजी मुश्ताक महर से सेना की बदसुलूकी के बाद सभी पुलिसकर्मियों ने छुट्टी के लिए आवेदन कर दिया।

सेना प्रमुख बाजवा ने दिए घटना की जांच के आदेश- 

पुलिस का कहना है कि मरियम नवाज के पति सफदर की गिरफ्तारी के लिए पाक सैनिकों ने सिंध पुलिस प्रमुख को अगवा किया और उन पर सफदर की गिरफ्तारी के लिए एफआईआर दर्ज करने का दबाव डाला गया। इस प्रकरण से पुलिसकर्मियों में काफी आक्रोश है। वहीं, पुलिस के रुख से घबराये सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने जांच के आदेश दिए हैं। 
कराची में पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) की रैली के बाद मरियम नवाज के पति सफदर अवान को उनके होटल के कमरे से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद नवाज शरीफ, मरियम और सिंध के पूर्व गवर्नर मुहम्मद जुबैर ने सेना पर आईजी को अगवा करने का आरोप लगाया था। इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए विरोध में तीन एडिशनल आईजी, 25 डीआईजी, 30 एसएसपी और दर्जनों एसपी, डीसीपी और एसएचओ समेत सभी पुलिसकर्मियों ने छुट्टियों के लिए आवेदन कर दिया। 

पुलिस का कहना है कि जिस तरह से आईजी महर के साथ सुलूक किया गया है, उससे पुलिसकर्मियों में बेहद गुस्सा है। पुलिस सुरक्षा की पहली पंक्ति होती है और हजारों पुलिसकर्मियों ने ड्यूटी निभाते हुए जान दी है। अभी हम छुट्टी पर जा रहे हैं, लेकिन अगर हमारी गरिमा पर आंच आती है तो हम इस्तीफा भी दे देंगे। हालांकि पीपीपी नेता बिलावल भुट्टो से मुलाकात के बाद आईजी महर ने पुलिसकर्मियों से राष्ट्रहित में जांच पूरी होने तक दस दिन के लिए आवेदन वापस लेने का अनुरोध किया है। 

18-19 अक्तूबर को रहे गृहयुद्ध जैसे हालात-

अखबार इंटरनेशनल हेराल्ड ने एक रिपोर्ट में दावा किया कि कराची में पीडीएम की रैली के बाद सफदर अवान की गिरफ्तारी के वक्त गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए थे। इस दौरान पाक सेना और सिंध पुलिस के बीच कई जगह फायरिंग भी हुई थी जिसमें कुछ पुलिस वालों की मौत व घायल होने की खबरें आईं लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो सकी।

विपक्ष ने कहा, सेना के भरोसे पर खतरा-

पूर्व अपदस्थ पीएम नवाज शरीफ ने ट्वीट किया, कराची की घटना बताती है कि पाक में एक अलग राज्य है जो अपना आदेश मनवाने के लिए पुलिस अधिकारी को भी अगवा कर  सकता है। आईजी मुश्ताक का पत्र बताता है कि संविधान ताक पर है। बिलावल भुट्टो ने कहा, सिंध में हमारी सरकार है और जांच दल ने राज्य सरकार को गिरफ्तारी की सूचना तक नहीं दी। इससे सेना के भरोसे पर खतरा पैदा हो सकता है।

पाक में गहराया सियासी संकट-

इस घटना के बाद से पाक में सियासी संकट गहरा गया है। दो सालों में सबसे बुरे दौर से गुजर रही इमरान सरकार की ओर से मुद्दे पर कोई बयान नहीं दिया गया है। जानकारों का कहना है कि 1ि1 विपक्षी दलों का गठबंधन पहले ही खाद्य कमी और बढ़ती महंगाई के चलते सरकार के खिलाफ राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन कर रहा है। अब इस घटना से इमरान सरकार पर दबाव और बढ़ गया है। 

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