अमेरिका के ट्रंप प्रशासन ने मंगलवार को पाकिस्तान के साथ चीन, सऊदी अरब और सात अन्य देशों को ‘कंट्री ऑफ पर्टिकुलर कन्सर्न’ (सीपीसी) बताया था. इन देशों पर धार्मिक स्वतंत्रता का गंभीर उल्लंघन का आरोप है. पाकिस्तानी विदेश कार्यालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि वह अमेरिका के विदेश विभाग की एकतरफा और राजनीतिक रूप से प्रेरित सूची को नकारता है.

अमेरिका ने पाकिस्तान को धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन करने वाले देशों की सूची में रखा था. इसके बाद अब पाकिस्तान ने बुधवार को अमेरिकी निर्णय को एकतरफा और राजनीतिक रूप से प्रेरित बताया है. इसके साथ ही पाकिस्तान ने कहा है कि पाकिस्तान एक मुस्लिम बहुल देश है जहां बहु-धार्मिक और बहुलवादी समाज है और विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ रहते हैं.
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पाकिस्तान के अनुसार इन दर्जों से पूर्वाग्रह स्पष्ट हैं और इसकी प्रमाणिकता और निष्पक्षता के साथ जूरी पर भी गंभीर सवाल उठ रहे हैं. इसमें कहा गया है कि पाकिस्तान बहु-धार्मिक और बहुलवादी देश है जहां विभिन्न धर्मों और संप्रदायों के लोग एक साथ रहते हैं. इनमें करीब चार प्रतिशत ईसाई, हिंदू, बौद्ध और सिख शामिल हैं. बयान में कहा गया है कि अल्पसंख्यकों के साथ समान व्यवहार सुनिश्चित करना और बिना किसी भेदभाव के मानवाधिकार का संरक्षण करना पाकिस्तान के संविधान का मुख्य सिद्धांत है.
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