पश्चिम नेपाल स्थित माउंट गुर्जा पहाड़ पर हुए हिमस्खलन में करीब नौ पर्वतारोहियों की मौत हो गई है। इस पहाड़ की चोटी करीब 7,193 मीटर ऊंची है। हादसे में मरने वालों में पांच दक्षिण कोरियाई पर्वतारोही शामिल हैं। ये पांचों अपने टीम लीडर किम चांग हो के साथ ट्रेकिंग कर रहे थे। किम बिना सप्लीमेंटल ऑक्सीजन के आठ हजार मीटर से ऊंची 14 चोटियों पर पहुंचने वाले पहले द. कोरियाई थे। उनकी टीम के साथ सहायक स्टाफ के तौर पर चार नेपाली भी जा रहे थे। हादसे में उन सभी की भी मौत हो गई।
नेपाल ट्रेकिंग कैंप के प्रबंधक निदेशक वांगचु शेरपा ने बताया, सभी पर्वतारोही खराब मौसम के कारण 3500 मीटर की ऊंचाई पर बने बेस कैंप में रुके हुए थे। शुक्रवार की शाम हिमस्खलन के बाद आए बर्फीले तूफान में उनका कैंप बर्फ में दब गया जिससे उनकी मौत हो गई। ये सभी पर्वतारोही माउंट गुर्जा की चढ़ाई के लिए सात अक्टूबर को गुर्जा गांव से निकले थे।’
शवों की खोज के हेलीकॉप्टर भेजा
शवों की खोज के लिए घटनास्थल पर शनिवार को हेलीकॉप्टर भेजा गया। बता दें कि पर्वतारोहण नेपाल में आय का प्रमुख स्त्रोत है। पहाड़ से गिरने या हिमस्खलन से यहां सबसे अधिक मौत होती है। 2015 में आए भूकंप के बाद हुए हिमस्खलन से 19 पर्वतारोहियों की मौत हो गई थी।
युगांडा में भू-स्खलन से 41 की मौत
पूर्वी युगांडा में भारी बारिश के बाद सुमी नदी के तटों पर हुए भू-स्खलन से चार गांव तबाह हो गए। इस आपदा के कारण 41 लोगों की मौत हो गई है। कई लोग लापता हैं। राहत क र्मी मलबे में फंसे लोगों को निकालने में जुटे हैं। एक बचावकर्ता के अनुसार, नदी का जलस्तर बढ़ते देख कई लोग जान बचाने के लिए पहाड़ी पर चढ़ने लगे थे। भू-स्खलन के कारण पत्थरों में दबने से उनकी मौत हो गई।