पश्चिम बंगाल (West Bengal) की तृणमूल कांग्रेस (TMC) की सांसद महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) द्वारा आइटी मंत्रालय की संसदीय समिति की बैठक के दौरान तीन बार ‘बिहारी गुंडा’ कहा गया। भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने इसे खुद को दी गई गाली बताते हुए कहा है कि यह न केवल बिहारियों का, बल्कि पूरे हिंदी प्रदेश का अपमान है। इस मामले में बिहार में सियासत गर्म (Politics in Bihar Heats-Up) हो गई है। सत्ताधारी राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में बीजेपी के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) ने भी इसपर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि ऐसी भाषाई गुंडई (Linguistic Hooliganism) बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बिहार में एनडीए के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (HAM) के प्रमुख जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) ने भी महुआ के बयान की आलोचना की है। कांग्रेस (Congress) ने भी महुआ माेइत्रा के खिलाफ बयान दिया है। जबकि, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) बचाव करता दिख रहा है।
निशिकांत ने ट्वीट कर दी घटना की जानकारी
झारखंड के बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे भागलपुर के रहने वाले हैं। उन्होंने ट्वीट कर स्पीकर ओम बिरला (Om Birla) को बताया है कि 13 साल के संसदीय जीवन में पहली बार गाली सुनी है। तृणमूल कांग्रेस की सदस्य महुआ मोइत्रा ने आइटी कमेटी की बैठक में तीन बार बिहारी गुंडा बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि शशि थरूर (Shashi Tharoor) ने संसदीय परंपरा को खत्म करने की सुपारी ले रखी है।
बर्दाश्त नहीं की जा सकती है ऐसी भाषा
टीएमसी सांसद के बयान पर बिहार के बीजेपी विधायक हरि भूषण ठाकुर ने कहा एक बिहारी सौ पर भारी होता है। ऐसे सांसद पर कठोर कार्रवाई हो, अन्यथा मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। बिहारियों के खिलाफ ऐसी भाषा कतई बर्दाश्त नहीं की जा सकती है।
माफी मांगें महुआ या हो कठोर कार्रवाई
बिहार में बीजेपी की सहयोगी पार्टी जेडीयू के मुख्य प्रवक्ता ने नीरज कुमार ने कहा है कि महुआ माइत्रा ने जिस भाषा का प्रयोग किया है, वह भाषाई गुंडई है। भाषा के ऐसे लम्पटीकरण के खिलाफ कार्रवाई जरूरी है। चाहिए. बिहार चाणक्य और आर्यभट्ट की धरती रहे बिहार में ज्ञान की बात होती है, गुंडई की नहीं। इस बयान के लिए महुआ माेइत्रा को माफी मांगनी चाहिए, अन्यथा उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।
महुआ को बंगाल की गुंडागर्दी मुबारक
टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा के बिहारी गुंडा वाले बयान पर ‘हम’ प्रमुख जीतन राम मांझी ने उन्हें संबोधित करते हुए कहा है कि बिहार में उनके सहयोगी आरजेडी की सरकार थी तो सत्ता संरक्षित गुंडागर्दी के कारण बिहारियों को ‘बिहारी गुंडा’ जैसे शब्दों का सामना करना पडता था। आज बिहार में नीतीश कुमार के सुशासन की सरकार है, और बिहारी सम्मान का शब्द है। मांझी ने आगे लिखा है कि महुआ को बंगाल की गुंडागर्दी मुबारक हो।
सभी को साथ ले विरोध दर्ज करें नीतीश
इस मामले में तृणमूल कांग्रेस को कांग्रेस का भी साथ नहीं मिला। महुआ के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस के विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा ने इसे बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे हिंदी प्रदेश का अपमान कहा है। उनके अनुसार ऐसे मामलों में बिहार के सभी दलों को साथ मिलकर विरोध दर्ज कराना चहिए। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि वे सभी दलों को एक साथ लेकर विरोध दर्ज करें। इस तरह के बयानों को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है।
आरजेडी ने बीजेपी पर खड़ा किया सवाल
उधर, आरजेडी ने टीएमसी सांसद का बचाव किया है। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय मिश्रा ने महुआ मोइत्रा का बचाव करते हुए बीजेपी पर सवाल खड़ा किया है। उन्होंने कहा है कि नि:संदेह बिहार के बारे में ऐसी भाषा बर्दाश्त नहीं की जा सकती, पर यहां यह समझना होगा कि महुआ माइत्रा ने बीजेपी के उन नेताओं के प्रति दिया होगा, जो बंगाल में हंगामा मचाते रहे हैं।