गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार देर शाम दुखद निधन हो गया। 63 वर्ष के पर्रिकर पिछले करीब एक साल से कैंसर से लड़ाई लड़ रहे थे। इस दौरान उनका उपचार मुंबई के लीलावती अस्पताल में भी चला था। पर्रिकर का उपचार करने वाले अस्पताल के सर्जिकल ऑन्कोलॉजी डिपार्टमेंट के चेयरमैन डॉ. पी जगन्नाथ, पर्रिकर के निधन से बेहद दुखी हैं। डॉ. जगन्नाथ उस दिन को याद करते हुए कहते हैं, वो 15 फरवरी 2018 का दिन था।
उन्होंने आगे कहा कि मुझे बताया गया था कि एक वीवीआईपी को गोवा से लीलावती हॉस्पिटल में लाया गया है। उन्हें पेट में दर्द है और अग्नाशयी संबंधी किसी समस्या का संदेह है। वीवीआईपी होने के कारण अस्पताल ने तैयारी पूरी कर ली थी। मुस्कुराता हुआ एक शख्स हॉस्पिटल में दाखिल हुआ, वही मनोहर पर्रिकर थे।’ डॉ. जगन्नाथ कहते हैं, ‘वे दिखने में बिल्कुल तरोताजा थे, कोई यह कह ही नहीं सकता था कि वे बीमार हैं। देर शाम जब उनकी रिपोर्ट आई तो मैं थोड़ा दुखी हुआ। उनके अग्नाश्य में कुछ घाव थे।
डॉ ने कहा कि दुर्भाग्य से अग्नाश्य के घावों का शुरुआती लक्षण बहुत कम दिखाई देता है।’ जगन्नाथ कहते हैं कि, ‘मेरे दिल में पर्रिकर के लिए बहुत इज्जत है, इसलिए नहीं कि वे गोवा के मुख्यमंत्री और देश के पूर्व रक्षा मंत्री हैं, बल्कि इसलिए क्योंकि वे एक बेहद ईमानदार, मेहनतकश और जनता के नेता हैं। उनके जैसा उच्च नैतिकता वाला नेता होना बहुत कठिन है। उनकी शिक्षा बेहद बेहतरीन रही, वे आईआईटी से हैं। गोवा में सब लोग उन्हें प्यार करते हैं।’
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