परिषदीय और माध्यमिक विद्यालयों में एक अप्रैल से नया सत्र शुरू हो गया। परिषद विद्यालयों (कक्षा एक से आठ) के बच्चों को निश्शुल्क वितरण के लिए कुल 51 विषय की किताबें आनी हैं, लेकिन इसमें से सिर्फ तीन विषयों की ही किताबें आ सकी हैं। जिन तीन विषयों की किताबें आई भी हैं, वह बच्चों की संख्या के लिहाज से बहुत कम हैं।
प्राइमरी स्कूलों में तीन लाख से अधिक बच्चे पंजीकृत
जिले के प्राइमरी विद्यालयों में करीब 3.17 लाख और जूनियर स्कूलों में लगभग 98 हजार बच्चे पंजीकृत हैं। प्राइमरी के कक्षा तीन, चार और पांच के बच्चों के लिए अभी तीन विषयों की किताबें आई हैं। बीएसए संजय कुमार कुशवाहा ने इन विषयों की पूरी किताबें आने का दावा किया है, लेकिन अगर नगर क्षेत्र के विद्यालयों की ही हकीकत जानें तो 30 सितंबर 2018 तक रजिस्टर्ड कुल 7782 बच्चों के सापेक्ष कक्षा तीन की हिंदी कलरव की 450, कक्षा चार संस्कृत की 500 और कक्षा पांच की अंग्रेजी रैनबो की 500 किताबें ही आई हैं। इन किताबों का खंड शिक्षाधिकारी (नगर) ज्योति शुक्ला ने स्कूलों में जाकर वितरण कराया।
जूनियर के बच्चों के लिए एक भी किताबें नहीं आईं
वहीं, जूनियर के बच्चों के लिए एक भी किताबें नहीं आ सकी हैं। कस्तूरबा गांधी विद्यालयों में भी नहीं पहुंचीं किताबें जिले में 20 कस्तूरबा गांधी विद्यालय संचालित हैं। लेकिन इन विद्यालयों में भी किताबें नहीं पहुंची हैं। कहा जा रहा है कि इन विद्यालयों में कंप्यूटर की किताबें पिछले वर्ष भी नहीं मिली थीं। निकाली गई रैलियां जिन 110 प्राइमरी स्कूलों को अंग्रेजी माध्यम में बदला गया है। उन सभी स्कूलों के बच्चों ने शारदा अभियान के तहत अपने स्कूलों में रैलियां निकालीं।