पराली जलाने को लेकर प्रशासन सख्त, सेटेलाइट के जरिए रखी जा रही है नजर

दिवाली से पहले ही दिल्ली, हरियाणा और एनसीआर का आसमान जहरीली गैस का चेंबर बना हुआ है। जो वातावरण में एयर क्वालिटी इंडेक्स है, वह चार सौ से भी पार है जोकि आम व्यक्ति के हेल्थ के लिए बहुत ही खतरनाक है। हरियाणा पंजाब और पश्चिमी यूपी के किसानों द्वारा पराली जलाने को लेकर जीएनटी के सख्त इन राज्यों को दिए हुए। वहीं हरियाणा की अपेक्षा बहुत कम किसानों द्वारा पराली जलाने के मामले आ रहे है फिर भी एक्यूआई का स्तर बहुत ज्यादा है। सोनीपत जिला का एक्यूआई बहुत ही ज्यादा है। सोनीपत में कम वायु प्रदुषण फैले उसके लिए प्रशासन और कृषि विभाग सेटेलाइट से पैनी नजर रखे हुए है।

गोहाना में प्रशासन और कृषि विभाग ने किसानों को पराली नहीं जलाने को लेकर मुहिम चलाई हुई है। मगर जब प्रशासन और कृषि विभाग के अधिकारी किसानों को पराली नहीं जलाए जाने को लेकर गांव-गांव जाकर किसानों को जागरूक कर रहे थे तो उन्हें गांव खंदराई में एक किसान अपने खेत में पराली जलाते हुए मिला। एसडीएम और एसडीओ कृषि विभाग ने मौके पर पहुंच कर किसान को पराली जलाने को लेकर कारण पूछा मगर किसान कोई जवाब नहीं दे पाया, तो किसान पर जुर्माने के साथ एफआईआर दर्ज करवाई। खेत में जल रही पराली को तुरंत अग्निशमन की गाड़ी बुला कर और लोगों की मदद से आग को बुझाया।

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