परमाणु समझौते पर बोले ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी, यूरोप का प्रस्ताव पर्याप्त नहीं

विएना : ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने कहा कि परमाणु समझौते से अमेरिका के अलग हो जाने के प्रभावों से निपटने के लिए यूरोप की ओर से दिया गया आर्थिक उपायों का प्रस्ताव पर्याप्त नहीं है. 

समाचार एजेंसी आईआरएनए की खबर के मुताबिक रूहानी ने फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों को फोन पर कहा कि पैकेज से “ हमारी सभी मांगे पूरी नहीं हो रही. ” रूहानी ने उम्मीद जताई है कि वार्ता के लिए बुलाई गए एक बैठक में यह मामला सुलझ सकता है. यह बैठक 2015 में हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के अलग होने के दो महीने बाद हो रही है. 

इस समझौते पर हस्ताक्षर करने वाले अन्य देशों – ब्रिटेन , फ्रांस , जर्मनी , चीन और रूस ने इस समझौते में बने रहने की प्रतिबद्धता जाहिर की है लेकिन अमेरिकी जुर्माने के डर से ईरान से बाहर निकल रही कंपनियों को रोक पाने में असमर्थ प्रतीत हो रहे हैं. एक यूरोपीय राजनयिक ने बताया कि विएना में होने वाली मंत्री स्तरीय बैठक में आर्थिक उपायों के यूरोपीय पैकेज पर चर्चा होगी. इन उपायों का मकसद ईरान को इस समझौते से जोड़े रखना है. 

परमाणु समझौते से US हटा
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने ईरान परमाणु समझौते से हटने को लेकर अमेरिका की रविवार(10 जून) को आलोचना की. वहीं, उन्होंने इसका संरक्षण करने की कोशिश को लेकर चीन, रूस और यूरोप की सराहना की. शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सालाना सम्मेलन को संबोधित करते हुए रूहानी ने कहा कि अमेरिका दूसरे देशों पर अपनी नीतियां थोपने की कोशिश कर रहा है जो सभी बड़ी शक्तियों के लिए एक चेतावनी है. उन्होंने कहा कि अमेरिका का यह एकतरफा कदम दुनिया के लिए अच्छा नहीं है.

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