सेना के परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है। बुधवार को इस मामले में अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट निवासी रफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एक किट मिली है। जिसमें कुछ रेडियो एलीमेंट्स के साथ डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक नीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट भी है, जिसमें एक अति शक्तिशाली मिसाइल की खूबियों का वर्णन विस्तार से है। मिसाइल की खूबियों वाली रिपोर्ट के साथ गिरफ्तार रफीकुल इस्लाम। सेना के तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानकारी ब्रह्मोस मिसाइल के संबंध में है, जो अभी तक परीक्षण की प्रक्रिया में है। 2020 में इसे लांच होना है। यह कार्रवाई मिलिट्री के इनपुट के आधार पर बिन्नागुड़ी स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस, सशस्त्र सीमा बल तथा जयगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से की है। रफीकुल से विस्तार से पूछताछ की जा रही है। अभी तक उसने बताया है कि इस किट को भूटान में किसी को देना था। जयगांव के सहायक पुलिस अधीक्षक गणेश विश्वास ने बताया कि रफीकुल को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि देश की सुरक्षा के साथ हो रहे इस तरह के खिलवाड़ का खुलासा हो सके। बता दें कि अभी हाल ही में नागपुर से डिफेंस रिसर्च के वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश की एटीएस ने सेना रिसर्च संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के आरोप में ही अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से मिलिट्री इंटेलीजेंस सक्रिय हुई है। ओडिशा के बालासोर में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक विंग है। यहां मिसाइल की टेस्टिंग भी होती है। समझा जा रहा है कि यह जो पत्र मिला है, वह ब्रह्मोस या उसकी ही तरह से किसी और ताकतवर मिसाइल की टेस्टिंग रिपोर्ट है। बता दें कि ब्रह्मोस इंटर कांटीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। इसका निर्माण भारत और रूस दोनों मिलकर कर रहे हैं। इसकी ताकत व खूबियों की जानकारी का लीक होना बेहद ही संवेदनशील मामला है।

परमाणु क्षमतायुक्त मिसाइल की लांचिंग की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंडाफोड़

सेना के परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है। बुधवार को इस मामले में अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट निवासी रफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एक किट मिली है। जिसमें कुछ रेडियो एलीमेंट्स के साथ डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक नीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट भी है, जिसमें एक अति शक्तिशाली मिसाइल की खूबियों का वर्णन विस्तार से है।सेना के परमाणु शक्ति संपन्न मिसाइल की खासियत को विदेश भेजने वाले गिरोह का भंड़ाफोड़ हुआ है। बुधवार को इस मामले में अलीपुरद्वार जिले के मदारीहाट निवासी रफीकुल इस्लाम को गिरफ्तार किया गया। उसके पास से डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की एक किट मिली है। जिसमें कुछ रेडियो एलीमेंट्स के साथ डीआरडीओ के एक वैज्ञानिक नीरज कुमार द्वारा हस्ताक्षरित रिपोर्ट भी है, जिसमें एक अति शक्तिशाली मिसाइल की खूबियों का वर्णन विस्तार से है।   मिसाइल की खूबियों वाली रिपोर्ट के साथ गिरफ्तार रफीकुल इस्लाम। सेना के तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानकारी ब्रह्मोस मिसाइल के संबंध में है, जो अभी तक परीक्षण की प्रक्रिया में है। 2020 में इसे लांच होना है। यह कार्रवाई मिलिट्री के इनपुट के आधार पर बिन्नागुड़ी स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस, सशस्त्र सीमा बल तथा जयगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से की है। रफीकुल से विस्तार से पूछताछ की जा रही है। अभी तक उसने बताया है कि इस किट को भूटान में किसी को देना था।  जयगांव के सहायक पुलिस अधीक्षक गणेश विश्वास ने बताया कि रफीकुल को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि देश की सुरक्षा के साथ हो रहे इस तरह के खिलवाड़ का खुलासा हो सके। बता दें कि अभी हाल ही में नागपुर से डिफेंस रिसर्च के वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश की एटीएस ने सेना रिसर्च संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के आरोप में ही अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से मिलिट्री इंटेलीजेंस सक्रिय हुई है। ओडिशा के बालासोर में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक विंग है। यहां मिसाइल की टेस्टिंग भी होती है। समझा जा रहा है कि यह जो पत्र मिला है, वह ब्रह्मोस या उसकी ही तरह से किसी और ताकतवर मिसाइल की टेस्टिंग रिपोर्ट है। बता दें कि ब्रह्मोस इंटर कांटीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। इसका निर्माण भारत और रूस दोनों मिलकर कर रहे हैं। इसकी ताकत व खूबियों की जानकारी का लीक होना बेहद ही संवेदनशील मामला है।

मिसाइल की खूबियों वाली रिपोर्ट के साथ गिरफ्तार रफीकुल इस्लाम।

सेना के तकनीकी विशेषज्ञों का मानना है कि यह जानकारी ब्रह्मोस मिसाइल के संबंध में है, जो अभी तक परीक्षण की प्रक्रिया में है। 2020 में इसे लांच होना है। यह कार्रवाई मिलिट्री के इनपुट के आधार पर बिन्नागुड़ी स्थित मिलिट्री इंटेलीजेंस, सशस्त्र सीमा बल तथा जयगांव पुलिस ने संयुक्त रूप से की है। रफीकुल से विस्तार से पूछताछ की जा रही है। अभी तक उसने बताया है कि इस किट को भूटान में किसी को देना था।
 जयगांव के सहायक पुलिस अधीक्षक गणेश विश्वास ने बताया कि रफीकुल को कोर्ट में पेश करके रिमांड पर लिया जाएगा। ताकि देश की सुरक्षा के साथ हो रहे इस तरह के खिलवाड़ का खुलासा हो सके।

बता दें कि अभी हाल ही में नागपुर से डिफेंस रिसर्च के वैज्ञानिक निशांत अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था। उत्तर प्रदेश की एटीएस ने सेना रिसर्च संबंधी सूचनाओं के आदान-प्रदान के आरोप में ही अग्रवाल को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से मिलिट्री इंटेलीजेंस सक्रिय हुई है।

ओडिशा के बालासोर में डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन की एक विंग है। यहां मिसाइल की टेस्टिंग भी होती है। समझा जा रहा है कि यह जो पत्र मिला है, वह ब्रह्मोस या उसकी ही तरह से किसी और ताकतवर मिसाइल की टेस्टिंग रिपोर्ट है। बता दें कि ब्रह्मोस इंटर कांटीनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल है। इसका निर्माण भारत और रूस दोनों मिलकर कर रहे हैं। इसकी ताकत व खूबियों की जानकारी का लीक होना बेहद ही संवेदनशील मामला है।

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