कोरोना महामारी के बाद बिना किसी बंदिश के अब दीवाली मनाने के लिए जनता में अलग ही तरह का उत्साह हैं। मध्य प्रदेश के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूल 22 से 27 अक्टूबर तक करीब 6 दिन तक बंद रहेंगे। इस संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग ने आदेश भी जारी कर दिए हैं।
लेकिन अगर आप दिवाली पर पटाखे फोड़ते हैं तो इस बार कुछ नियम से चलना रहेगा। क्योंकि इसे लेकर प्रशासन ने कुछ गाइडलाइन जारी कर दी है। प्रशासन के अनुसार गाइडलाइन के नियमों का पालन करते हुए ही पटाखे जला पाएंगे। साथ ही इसमें कुछ पटाखों पर पाबंदी रहेगी। और पालन ना करने वालो पर कार्रवाई भी की जा सकती है।
दरअसल ये आदेश जबलपुर प्रशासन द्वारा निकाला गया है। आदेश के अनुसार जबलपुर में कम आवाज वाले पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे। और जिसमें 125 डेसिबल से ज्यादा आवाज के पटाखों को बैन किया गया है। इस नई गाइडलाइन में ये भी तय किया गया है कि शहर के साइलेंट जोन जैसे अस्पताल, शिक्षण संस्थान, न्यायालय और धार्मिक स्थलों पर पटाखे जलाने पर प्रतिबंध रहेगा।
पटाखों की बिक्री और भंडारण को लेकर भी गाइडलाइन जारी की गई है। आदेश में साफ लिखा है कि अगर कोई गाइडलाइन का उल्लंघन करते हुए पकड़ाता है तो उसके खिलाफ विस्फोटक अधिनियम और धारा 188 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
जानकारी के अनुसार जबलपुर जिला प्रशासन ने दिवाली पर पटाखा फोड़ने के लिए जो गाइडलाइन जारी की है उसके मुताबिक दिवाली पर प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए महज 2 घंटे यानी रात 8 से 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की अनुमति रहेगी। इस निर्धारित समय के दौरान भी सिर्फ कम आवाज वाले पटाखे ही फोड़े जा सकेंगे। इसका मतलब ये है कि जिन पटाखों की आवाज 125 डेसिबल से ज्यादा होगी उन्हें फोड़ने पर पाबंदी रहेगी।
वहीं प्रशासन ने पटाखों की बिक्री और भंडारन को लेकर भी गाइडलाइन जारी की है। बिना लाइसेंस के व्यापारी पटाखों का कारोबार नहीं कर सकेंगे। ऑनलाइन पटाखों की बिक्री पर भी रोक रहेगी, जिन पटाखों को बनाने के लिए बेरियम साल्ट का उपयोग किया जाएगा उनकी बिक्री पर प्रतिबंध रहेगा।