प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हिंदुत्व के आदर्श मदन मोहन मालवीय की जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि दी. इस मौके पर उन्होने कहा कि मालवीय जी ने अपना पूरा जीवन समाज सुधार कार्यों और राष्ट्र सेवा को समर्पित कर दिया था. मदन मोहन मालवीय का जन्म 1861 में हुआ था. कांग्रेस के अध्यक्ष रहे मालवीय ने बाद मे ‘हिंदू महासभा’ की स्थापना की थी. वह काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के संस्थापकों में से भी एक थे.

प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट किया, ‘‘ काशी हिंदू विश्वविद्यालय के प्रणेता और बहुआयामी प्रतिभा के धनी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. उन्होंने अपना संपूर्ण जीवन समाज सुधार और राष्ट्र सेवा में समर्पित कर दिया. देश के लिए उनका योगदान पीढ़ी-दर-पीढ़ी को प्रेरित करता रहेगा.’’पंडित मदन मोहन मालवीय का मानना था कि शिक्षा हर गुलामी की जंजीर तोड़ सकता है. इसीलिए ब्रिटिश राज में भी महामना मदन मोहन मालवीय एक ऐसे शिक्षा संस्थान का सपना देख रहे थे जो स्वदेशी हो और जहां भारतीय पद्धति से शिक्षा दी जाए. महामना ने अपने इस सपने को पूरा करने के लिए देश भर से चंदा इकठ्ठा करने का काम किया था. इस दौरान उन्होंने तकरीबन 1 करोड़ 64 लाख रुपये जितनी बड़ी रकम जमा कर ली और एक भव्य विद्यालय (बनारस हिंदू विश्वविद्यालय) का निर्माण किया.
पंडित मदन मोहन मालवीय ने अपने जीवन में कई ऐसे संस्थानों का निर्माण कराया है जिनसे अब तक अनगिनत लोग शिक्षा प्राप्त कर चुके हैं. साल 2014 में जब देश में नरेंद्र मोदी की सरकार आई तो उन्होंने महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को मरणोपरांत भारत रत्न से सम्मानित किया. पंडित मदन मोहन मालवीय को गांधी जी ने महामना की उपाधि दी थी. वह उन्हें अपना बड़ा भाई मानते थे. मदन मोहन मालवीय ने कई कांग्रेस अधिवेशनों की अध्यक्षता भी की थी.
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