पंजाब में कई सोसाइटियों पर एक्शन की तैयारी, सरकार इनकी मान्यता रद्द करेगी। पंजाब सरकार प्रदेश में पंजाब सोसाइटी एक्ट-1860 में संशोधन करना चाहती है। इसे अब सोसाइटी रजिस्ट्रेशन पंजाब संशोधन विधेयक-2025 के नाम से जाना जाएगा।
पंजाब में कई सोसाइटियां ऐसी हैं जिन्होंने अपने नाम लोगों को गुमराह करने वाले रखे हुए हैं। लोगों व डोनर्स पर अपना प्रभाव जमाने के लिए यह सोसाइटियां ऐसे नाम रखती हैं जो सरकारी सरीखे लगें। इसी के चलते कई सोसाइटियां तो देश और विदेश से डोनेशन के नाम पर उगाही करती हैं। इस संदर्भ में उद्योग विभाग के एक सर्वे के दौरान इस बात का खुलासा हुआ है जिसे लेकर विभागीय अधिकारी व मंत्री भी हैरान हैं।
दरअसल, प्रदेश सरकार सूबे में पंजाब सोसाइटी एक्ट-1860 में संशोधन करना चाहती है। इसे अब सोसाइटी रजिस्ट्रेशन पंजाब संशोधन विधेयक-2025 के नाम से जाना जाएगा। यह सारी प्रक्रिया पंजाब के उद्योग विभाग के अधीनस्थ होगी। इसी कड़ी में नए संशोधन विधेयक को तैयार करने के लिए गहन अध्ययन और सर्वे जा रहा है। इस दौरान यह सामने आया कि पंजाब में कई सोसाइटियां ऐसी हैं जिन्होंने समाज व सामाजिक लोगों को भ्रमित करने के लिए अपनी सोसाइटियों के नामों में प्रभावशाली शब्दों का इस्तेमाल किया है।
यह सोसाइटियां कई वर्षों से पंजाब में स्वास्थ्य, शिक्षा, खेल, युवा व महिलाओं समेत अन्य महत्वपूर्ण क्षेत्रों में सक्रिय हैं। खुद को इन क्षेत्रों में जमीनी स्तर पर काम करने वाला बताकर ये संस्थाएं प्रदेश व देश ही नहीं विदेशों से सामाजिक लोगों व संस्थानों का फंड बटोरती हैं। इतना ही नहीं कई सोसाइटियां तो समाज सेवा के नाम पर लोगों से अचल संपत्तियां जैसे भवन व जमीनें तक अपने नाम करवा लेती हैं।
विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि उद्योग विभाग के पास ऐसी कई शिकायतें आई हैं जिनमें सोसाइटियों पर ठगी तक के आरोप लगे हैं। इन सोसाइटियों ने समाज सेवा के नाम पर चंदा इकट्ठा कर लिया मगर बाद में जब इनकी हकीकत मालूम चली तो लोगों ने इनकी शिकायतें कीं। सर्वे में यह भी खुलासा हुआ है कि कई सोसाइटियां तो सरकारी जमीनों को लीज पर लेकर बरसों से संस्थान चला रही हैं।
ऐसे शब्दों से करते हैं भ्रमित
सर्वे में कई सोसाइटियों ने अपने नामों में जिन भ्रमित शब्दों का इस्तेमाल किया है, उनमें गवर्नमेंट, मिनिस्ट्री, रिजर्व बैंक, विजिलेंस, एंटी करप्शन, इस्टेट, स्टेट, लैंड डेवलप, को-ऑपरेटिव, एंटी टेररिस्ट, कंपनी, ट्रस्ट, गांधी, यूनियन, काउंसिल, सिंडिकेट, सहकारिता इत्यादि शामिल हैं।
ऐसी सोसाइटियों को गुमराह करने वाले नामों को बदलना होगा अन्यथा इनकी पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा। ऐसे नाम समाज में भ्रम पैदा करते हैं। नाम बदलने के बाद एक साल के भीतर ऐसी संस्थाओं को नए एक्ट के तहत दोबारा पंजीकरण करवाना होगा। सोसाइटियों की ओर से की गईं वित्तीय अनियमितताओं से संबंधित कई शिकायतें विभाग के पास पहुंची हैं। इसी के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। -संजीव अरोड़ा, उद्योग मंत्री, पंजाब
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal