पंजाब में सात साल बाद जून में पारा 46.9 डिग्री, लू की चेतावनी

हल्की बारिश के साथ पिछले सप्ताह ही नौतपा खत्म हुआ और भीषण गर्मी से एक-दो दिन राहत मिली, लेकिन अब जून में भी रिकॉर्डतोड़ गर्मी पड़नी शुरू हो गई है। पंजाब समेत उत्तर पश्चिम और पूर्वी भारत भीषण गर्मी की चपेट में है। पहाड़ी राज्यों के मैदानी इलाकों में प्रचंड गर्मी पड़ रही है।

पंजाब में मंगलवार को जून माह में सात साल बाद पारा 46 डिग्री को पार कर गया। प्रदेश के आठ शहरों का तापमान 43 डिग्री से ज्यादा रिकॉर्ड किया गया। पठानकोट 46.9 डिग्री के साथ सबसे गर्म रहा। गर्मी और लू की वजह से अमृतसर में 40 वर्षीय सुनील कुमार की मौत हो गई। मंगलवार को अधिकतम तापमान में 1.1 डिग्री की वृद्धि दर्ज की गई।

यह सामान्य से 5.1 डिग्री अधिक बना हुआ है। मौसम विभाग ने अगले चार दिन के लिए भी लू का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। तापमान में और वृद्धि हो सकती है। वहीं, पंजाब के न्यूनतम तापमान में भी 0.2 डिग्री की वृद्धि रही, हालांकि यह सामान्य के नजदीक बना है। मंगलवार को अमृतसर, लुधियाना, पटियाला व बठिंडा में लू का प्रकोप जारी रहा।

पंजाब के प्रमुख शहरों का तापमान
शहर दिन रात
पठानकोट 46.9 25.8
अमृतसर 45.1 27.0
लुधियाना 44.3 27.7
पटियाला 44.5 26.2
बठिंडा 44.4 27.2
फरीदकोट 43.0 27.2
बरनाला 43.6 25.1
जालंधर 43.2 25.7

जम्मू में पारा 48.1 डिग्री पहुंचा, रेड अलर्ट
जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पारा 48.1 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया है जो अब तक सर्वाधिक तापमान है। जम्मू में भी अधिकतम तापमान 43 डिग्री दर्ज किया गया है। बिहार के कई इलाके लू की चपेट में हैं और मौसम विभाग ने रेड अलर्ट जारी किया है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान पश्चिम बंगाल के गंगा किनारे वाले क्षेत्रों, बिहार, झारखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और ओडिशा के अलग-अलग क्षेत्रों में लू की स्थिति बनी हुई है।

ग्लोबल वार्मिंग से बढ़ रही गर्मी
पटियाला। पंजाब खेतीबाड़ी यूनिवर्सिटी से जलवायु परिवर्तन व कृषि मौसम विज्ञान विभाग से डॉ. पवनीत कौर किंगरा का कहना है कि इस बार 15 मई से लेकर 31 मई तक लगातार 17 दिन लू चली। पारा 40 डिग्री के ऊपर बना रहा। उन्होंने कहा कि एक दशक के बाद मई इस बार ज्यादा गर्म रही है। यह सब ग्लोबल वार्मिंग और ग्रीन हाउस गैसों के उत्सर्जन के कारण हो रहा है। यही वजह है कि एकस्ट्रीम वेदर कंडीशंस लगातार ज्यादा देखने को मिल रही हैं। कभी ज्यादा ठंड पड़ रही है, तो मानसून में पिछले साल काफी बारिश देखने को मिली और अब हीट वेव ज्यादा चल रही हैं।

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