पंजाब में धान की फसल की बिजाई को लेकर किसानों की लापरवाही भारी पड़ सकती है। प्रवासी मजदूर नहीं मिलने के कारण किसान हर हाल में मजदूरों की तलाश में जुटे हैं। लुधियाना रेलवे स्टेशन या फिर बस स्टैंड पर प्रवासियों को देखते ही किसान अच्छी मजदूरी के साथ खाने की सुविधाओं का लालच देकर किसी तरह अपने घरों को ले रहे हैं। इस लालच में क्वारंटीन के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं।
गौर हो कि पंजाब में धान की फसल की बिजाई के लिए किसान हमेशा प्रवासियों पर निर्भर रहते हैं। जून के दौरान किसानों के लिए प्रवासी किसी फरिश्ते से कम नहीं होते। कोरोना संक्रमण शुरू होने के बाद ज्यादातर प्रवासी अपने प्रदेशों को लौट चुके हैं। वहीं लॉक डाउन के कारण अब धान की बिजाई करने के लिए प्रवासी कम संख्या में आ रहे हैं। ऐसे में पंजाब के किसान धान की बिजाई के लिए मजदूरों को ढूंढ रहे हैं।
वीरवार देर शाम लुधियाना रेलवे स्टेशन पर पहुंची ट्रेन से उतरने वाले प्रवासियों को लेने के लिए बड़ी संख्या में किसान स्टेशन पहुंचे और किसानों को सीधे अपने घरों को ले जाते दिखे। हालांकि सरकारी गाइडलाइंस के अनुसार अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य प्रदेश से आता है तो उसे 14 दिन का एकांतवास जरूरी है।
वहीं पंजाब सरकार ने 10 जून से धान की बिजाई करने के आदेश दे रखे हैं, ऐसे में प्रवासियों की सबसे ज्यादा जरूरत है। कुछ किसान अन्य प्रदेशों से अपने निजी वाहनों पर प्रवासियों को लेकर आ रहे हैं। यहां तक कि कुछ फैक्टरी मालिक भी लेबर की कमी को देखते अपने वाहनों से प्रवासियों को लेकर आ रहे हैं। इसकी आड़ में सरकारी नियमों की धज्जियां तो उड़ रही है।
सरकार की गाइड लाइन में साफ कहा गया है कि अगर कोई व्यक्ति किसी अन्य राज्य से आता है, तो उसे 14 दिन एकांतवास में रहना होगा। सेहत विभाग को जब भी ऐसी जानकारी मिलती है तो वह तुरंत उस घर में जाकर व्यक्ति को 14 दिन में एकांतवास में रहने के लिए निर्देश देता है, वहीं उसके घर के बाहर एक स्टीकर भी लगा रहे हैं। अन्य राज्यों से आ रहे प्रवासियों पर नजर रखने के लिए प्रशासन को पुख्ता कदम उठाने होंगे।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal