पंजाब में आज किसानों की तरफ से ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। यह ट्रैक्टर मार्च किसानों की मांगों और किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में निकाला जा रहा है। किसानों ने दावा किया है कि पंजाब में 200 जगह ट्रैक्टरों के साथ किसान सड़कों पर उतरेंगे और अपना विरोध जताएंगे।
मांगों के समर्थन में संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम गैर राजनीतिक) और किसान मजदूर संघर्ष मोर्चा आज को गणतंत्र दिवस के मौके पर देशभर में केंद्र के खिलाफ ट्रैक्टर मार्च निकाला जा रहा है। पंजाब के बठिंडा औ सुनाम में बड़ी संख्या में किसान अपने-अपने ट्रैक्टरों के साथ सड़कों पर उतर आए हैं। वहीं मोगा में भी किसान ट्रैक्टर मार्च निकालकर केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।
बठिंडा में बड़ी संख्या में किसान ट्रैक्टर मार्च निकालने के लिए घनैया चौक पर अपने ट्रैक्टरों के साथ पहुंचे हुए हैं। यहां ट्रैक्टरों की लंबी कतार लगी हुई है। सुनाम में निकाले गए ट्रैक्टर मार्च में संयुक्त मोर्चा के सभी किसान संगठन शामिल हुए। किसान नेताओं ने कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार उसी काले कानून को लागू करने जा रही है जिसे किसानों ने बड़ी लड़ाई के बाद खारिज करवाया था। अब केंद्र सरकार खेती की बाजार व्यवस्था को खत्म करने के लिए इसे लागू कर रही है।
किसानों ने कहा कि मौजूदा मंडी व्यवस्था बहुत अच्छी है, लेकिन इसमें कुछ कमियां हैं जिन्हें दूर कर लिया जाए तो बेहतर होगा। साथ ही किसान नेताओं ने कहा कि भविष्य में संघर्ष तेज किया जाएगा। चाहे राज्य सरकार हो या केंद्र, किसानों की जमीनें हड़प कर बड़ी कंपनियों को देना चाहती है। जो खुलेआम किसानों के साथ धक्का कर रही है, जिसे कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इस मौके पर भारतीय किसान यूनियन एकता उगराहां के महासचिव राम सरन सिंह उगराहां, मनी सिंह भैणी, पाल सिंह डोलेवाल, यादविंदर सिंह चट्ठा आदि नेता मौजूद रहे।
पहले किसान नेता तेजवीर सिंह ने बताया कि पंजाब में करीब 200 जगहों पर ट्रैक्टर मार्च होगा। हर जगह करीब 150 ट्रैक्टर सड़कों पर उतारे जाएंगे। वहीं रविवार को 62वें दिन किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन जारी है।
किसान नेताओं ने बताया कि रविवार को दोपहर 12 से 1.30 बजे तक देशभर के किसानों के ट्रैक्टर सड़कों पर निकले। पंजाब में बड़ी गिनती में किसान इस कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। किसान नेताओं अभिमन्यु कोहाड़, काका सिंह कोटड़ा ने बताया कि कुछ जगहों पर प्रशासन रविवार के कार्यक्रम से पहले तानाशाही करने का प्रयास कर रहा है जो लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। किसान नेताओं ने बताया कि पिछले 77 सालों में सरकारों ने संविधान की भावना (जनता के लिए, जनता के द्वारा) के अनुसार कार्य नहीं किया और इसी कारण आज देश के किसानों की इतनी बदतर हालत है।
सरकारों ने किसान हितों पर ध्यान देने के बजाय हमेशा कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश में किसानों की अनदेखी बंद की जाए और एमएसपी गारंटी कानून बनाकर किसानों की आत्महत्याएं रोकी जाएं। किसान नेताओं ने साफ किया कि बाॅर्डरों पर आंदोलन जारी रहेगा। ट्रैक्टर मार्च के बाद 13 फरवरी को आंदोलन का एक साल पूरा होने पर बार्डरों पर बड़े इकट्ठ होंगे। इस मौके पर देश भर से किसान नेता बार्डरों पर बुलाए जाएंगे, जो किसानों को संबोधित करेंगे। साथ ही आगे की रणनीति पर भी विचार होगा।