स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च में केरल और हरियाणा के बाद पंजाब तीसरे नंबर पर है। इसी तरह अगर शहरी परिवारों की बात की जाए तो उनका भी स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा जेब खर्च अधिक है।
पंजाब में इलाज के लिए लोगों को अपनी जेब काफी ढीली करनी पड़ रही है, क्योंकि स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च हो रहा है। गांवों में साल में हर परिवार अस्पताल में इलाज के लिए औसत 7,374 रुपये खर्च कर रहा है, जो राष्ट्रीय दर से भी अधिक है।
राष्ट्रीय स्तर पर ग्रामीण परिवार सिर्फ 4,129 रुपये खर्च कर रहे हैं। सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय की रिपोर्ट में यह जानकारी सामने आई है।
स्वास्थ्य सेवाओं पर अधिक खर्च में केरल और हरियाणा के बाद पंजाब तीसरे नंबर पर है। इसी तरह अगर शहरी परिवारों की बात की जाए तो उनका भी स्वास्थ्य सेवाओं पर सीधा जेब खर्च अधिक है। शहरी परिवारों को अस्पतालों में इलाज के लिए 6,963 रुपये हर साल औसत खर्च करने पड़ रहे हैं। निजी स्वास्थ्य सेवाओं की उच्च लागत, दवाओं की कीमत, बीमा कवरेज और सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की कमी अधिक जेब खर्च के प्रमुख कारण हैं।
इसी तरह अस्पतालों के बिना उपचार में भी पंजाबी अधिक जेब खर्च कर रहे हैं। ग्रामीण परिवार औसत 1,139 रुपये खर्च कर रहे हैं, जो केरल के बाद देश भर में दूसरे नंबर पर है जबकि शहरी परिवार 916 रुपये औसत खर्च कर रहे हैं। पंजाब सरकार हर परिवार को 10 लाख रुपये का कैशलेस इलाज की सुविधा देने जा रही है। 2 अक्तूबर से यह योजना शुरू होगी। इससे पहले 45 लाख परिवारों को ही सरकारी स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ मिल रहा था। सरकार की इस योजना के बीच ही मंत्रालय के यह चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
इलाज पर जेब खर्च अधिक होने के कारण
निजी अस्पतालों में इलाज महंगा होता है। खासकर विशेष उपचार या सर्जरी पर अधिक खर्च होता है। यह कई बार बीमा पॉलिसी में भी कवर नहीं होता है।
गांवों के साथ ही शहरों में भी लोगों के पास पर्याप्त स्वास्थ्य बीमा नहीं है, जिससे लोगों को अपनी जेब से अधिक राशि का भुगतान करना पड़ता है।
सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में संसाधनों की कमी होती है जिस कारण मरीज अकसर निजी अस्पतालों का रुख करते हैं, जहां इलाज महंगा होता है।
लोग स्वास्थ्य समस्याओं को गंभीरता से नहीं लेते हैं और देरी से डॉक्टर की सलाह लेते हैं। इस कारण बीमारी का पता देरी से चलता है।
गांवों में अब भी स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है। लोगों को शहरों में इलाज के लिए जाना पड़ता है, जिस कारण भी खर्च बढ़ जाता है।
इसी तरह महंगी ब्रांडेड दवाओं से भी जेब से खर्च बढ़ जाता है।
गैर संचारी रोगों पर हो रहा अधिक खर्च
पंजाब में गैर संचारी बीमारियों के इलाज के लिए लोगों को अधिक जेब ढीली करनी पड़ रही है। इसमें हृदय रोग, कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियां आती हैं। इनके इलाज में लोगों का अधिक खर्च आता है, क्योंकि लंबे समय तक इलाज चलता है। हालांकि पिछले कुछ समय से सभी तरह की ही बीमारियों के खर्च में ही बढ़ोतरी हो रही है।