पंजाब सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अकेले साल 2023-24 में हरियाणा पर कर्मचारियों के वेतन और कार्यालय खर्च के 22.20 करोड़ रुपये बकाया हैं। वर्ष 1990 से 2023-24 तक कुल 318.34 करोड़ रुपये की राशि तनख्वाह व प्रशासनिक रूप में हरियाणा की देनदारी बनती है।
भाखड़ा-नंगल बांध के मुद्दे पर एक बार फिर पंजाब और हरियाणा में टकराव की स्थिति पैदा हो गई है। पंजाब सरकार ने भाखड़ा नहर के संचालन और रखरखाव से जुड़े बकाया खर्च के लिए हरियाणा सरकार को 113.24 करोड़ रुपये का बिल भेजा है।
पंजाब सरकार की आंतरिक ऑडिट रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है कि हरियाणा ने वर्ष 2015-16 के बाद भाखड़ा नहर के संचालन और मरम्मत कार्यों के लिए पंजाब को कोई भुगतान नहीं किया है। पंजाब के जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार ने हरियाणा के सिंचाई विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखकर बकाया राशि के भुगतान करने के लिए कहा है।
पत्र में लिखा है कि भाखड़ा मेन लाइन केनाल डिवीजन पटियाला के 103.92 करोड़ और मानसा केनाल डिवीजन जवाहरके के 9.32 करोड़ रुपये बकाया है। पंजाब के हिस्से से ही भाखड़ा नहर के मरम्मत कार्यों व संचालन का पैसा खर्च होता रहा है।
नहर से कुल 12,455 क्यूसेक पानी की आपूर्ति
भाखड़ा नहर से कुल 12,455 क्यूसेक पानी की आपूर्ति होती है। इसमें से 7841 क्यूसेक (63 प्रतिशत) हरियाणा को, 3108 क्यूसेक (25 प्रतिशत) पंजाब को, 850 क्यूसेक (7 प्रतिशत) राजस्थान को, 496 क्यूसेक (4 प्रतिशत) दिल्ली को और 160 क्यूसेक (1 प्रतिशत) चंडीगढ़ को मिलता है। भाखड़ा नहर पंजाब से होकर गुजरती है इसलिए इसके रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी पंजाब सरकार की होती है। अन्य राज्यों को भाखड़ा नहर के संचालन और मरम्मत कार्य में उनके हिस्से के अनुरूप पैसा देना होता है। पंजाब सरकार की ओर से किए जाने वाले नहर के रखरखाव, मरम्मत और कर्मचारियों की तनख्वाह आदि के खर्च के लिए बड़ा हिस्सा हरियाणा को देना होता है, क्योंकि वह सबसे ज्यादा पानी लेता है। 2015-16 के बाद हरियाणा ने इन खर्चों की भरपाई करना बंद कर दिया था।
कर्मचारियों के वेतन और अन्य खर्च का भी बकाया
पंजाब सरकार की ऑडिट रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि अकेले साल 2023-24 में हरियाणा पर कर्मचारियों के वेतन और कार्यालय खर्च के 22.20 करोड़ रुपये बकाया हैं। वर्ष 1990 से 2023-24 तक कुल 318.34 करोड़ रुपये की राशि तनख्वाह व प्रशासनिक रूप में हरियाणा की देनदारी बनती है। 2016-17 से पहले पंजाब जल संसाधन विभाग नियमित रूप से इन खर्चों का लेखा-जोखा रखता था लेकिन इसके बाद लापरवाही बरती गई। जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार के ध्यान में मामला आने के बाद उन्होंने आंतरिक ऑडिट के आदेश दिए, जिसमें यह बड़ी चूक सामने आई। राजस्थान सरकार नियमित रूप से पंजाब को भाखड़ा और बीकानेर नहर के बदले हर साल 8 से 9.5 करोड़ रुपये भेजती रही है।