कैप्टन अमरेन्द्र सिंह सरकार में आज शुक्रवार को 9 नए मंत्रियों के नामों पर मोहर लगार्इ गर्इ लेकिन कहा जा रहा है कि इनमें से एक भी दलित चेहरा नहीं है. इसे देखते हुए कांग्रेस की अमरिंदर सरकार पर दलितों की उपेक्षा किए जाने के आरोप लग रहे हैं. इससे दलितों में रोष देखा जा रहा है.
बता दें कि जालंधर और होशियारपुर के अलावा मालवा और माझा से भी किसी दलित विधायक को मंत्री नहीं बनाया गया है.दोआबा के दलित विधायकों को हमेशा से महत्व मिलता रहा है, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. इसी तरह कैप्टन की टीम में एक बार फिर से जालंधर के हाथ पूरी तरह से खाली रहे. कैप्टन ने जालंधर वासियों का दिल तोड़ दिया है.
उल्लेखनीय है कि कैबिनेट विस्तार में कई बड़े नामों को कैप्टन ने अनदेखा कर दिया. इनमें दोआबा से परगट , संगत सिंह गिलजियां व नवतेज चीमा शामिल है.कैबिनेट विस्तार में जालंधर से स्थानीय निकाय मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सीएम ने झटका दे दिया. सिद्धू के खासमखास परगट सिंह का नाम तय था, लेकिन ऐन आखिरी समय में उनका नाम कट गया. उधर, बसपा के वरिष्ठ नेता सुखविन्द्र कोटली ने नए मंत्रिमंडल में दोआबा को कम प्रतिनिधित्व दिए जाने की आलोचना कर कहा कि दलितों की उपेक्षा से कैप्टन सरकार का दलित विरोधी चेहरा सामने आ गया है.
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