नायपॉल का पहला उपन्यास द मिस्टिक मैसर 1951 में प्रकाशित हुआ और इसके बाद तो उन्होंने एक से एक रचनाएं दुनिया को दी। ए बेंड इन द रिवर और अ हाउस ऑर मिस्टर बिस्वास उनकी चर्चित कृतियों में शामिल है। उनके लेखन के लिए नायपॉल को 1971 में बुकर और फिर 2001 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से नवाजा गया था।

उनके जीवन से जुड़ी एक महत्वपूर्ण घटना यह है कि जब वो छात्र थे तब निराश होकर उन्होंने आत्महत्या की कोशिश की थी लेकिन इसके बाद उनकी जिंदगी बदली। उनके निधन के बाद उनकी पत्नी ने कहा, ‘उन्होंने रचनात्मकता और उद्यम से भरी जिंदगी जी। आखिरी वक्त में वो तमाम लोग जिन्हें वो प्यार करते थे, वो साथ थे’