मानसून में हुई अच्छी बारिश से नैनीझील ने 31 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। 1990 के बाद यह पहला मौका है जब 22 दिनों से नैनीझील अपने उच्चतम जलस्तर 12 फीट पर है। नैनीझील के अलावा जिले की अन्य सभी झीलें भी इस बार लबालब हैं। सूखाताल में भी करीब आठ सालों बाद पानी भरा है।
नैनीझील का मालरोड तक पहुंच रहा पानी इस बार पर्यटकों को खूब लुभा रहा है। ये हाल तब है जब नैनीताल जिले में मानसून की पूरी बारिश भी नहीं हुई है। मानसून में अब तक 1181 एमएम औसत बारिश दर्ज की गई है जबकि जिले की औसत बारिश 1306 एमएम है।
झील नियंत्रण प्रभारी रमेश गैड़ा कहते हैं 1990 के बाद पहली बार झील का जलस्तर सबसे लंबे समय तक अपने उच्चतम स्तर पर टिका है। गैड़ा के मुताबिक, दशकों बाद ये स्थिति पैदा हुई जब बारिश बढ़ने पर अक्सर झील के गेट खोलने पड़ रहे हैं। 40 फीट पर काबू की भीमताल झील: नैनीताल जिले की झीलों में भीमताल झील का जल सबसे ऊपर रहता है।
इस बार भीमताल झील अपने उच्चतम जलस्तर 44 फीट पर पहुंच रही है। इसे काबू करने के लिए सिंचाई विभाग नियमित गेट खोल इसे 40 फीट पर काबू कर रहा है। नौकुचियाताल, भीमताल और सातताल जैसी बड़ी झीलों में जलस्तर काफी अच्छा बना हुआ है। जेई नीरज सिंह के अनुसार नौकुचियाताल में जलस्तर 13.6 फीट, सातताल 16.5 फीट पर है।
आठ साल बाद सूखाताल भरा
नैनीताल स्थित सूखाताल में भी करीब आठ साल बाद दोबारा पानी भरा है। सूखाताल को पुनर्जीवित करने के साथ ही इसे रिचार्ज करने की योजना पर काम किया जा रहा है। ऐसे में वर्ष 2013 के बाद पहली बार इस साल झील में बड़ी मात्रा में पानी इकट्ठा हो गया है।