लंबे समय से आर्थिक तंगी का सामना कर रही जापान की कार निर्माता कंपनी निसान मोटर भारत में करीब 1700 कर्मचारियों की छंटनी कर सकती है। इनमें से ज्यादातर विनिर्माण कार्यों में कार्यरत हैं। कार निर्माता कंपनी का लाभ पिछले एक दशक में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है।
कंपनी ने कहा कि उसका लक्ष्य वित्त वर्ष 2020 और 2022 के बीच वैश्विक स्तर पर छह साइटों पर 6,100 से अधिक नौकरियों में कटौती करना है। कंपनी ने 2018-2019 में वैश्विक स्तर पर 8 स्थानों पर 6,400 से अधिक नौकरियों में कटौती का लक्ष्य रखा था।
उद्योग के सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, चेन्नई में रेनॉल्ट-निसान प्लांट से 1,700 से अधिक लोगों को नौकरी से निकाला जा सकता है। निसान मोटर इंडिया से संपर्क करने पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। पिछले दिनों खबर आई थी कि निसान दुनिया भर में 10,000 से अधिक नौकरियों में कटौती करने की योजना बना रही है। वहीं मई में कंपनी ने घोषणा की थी कि वह दुनिभर में अपने 1,39,000 कर्मचारियों में से 4,800 नौकरियों को खत्म कर देगा।
हाल ही ने निसान के प्रवक्ता कोजी ओकुडा ने न्यूज़ एजेंसी एएफपी को बताया था कि कंपनी की अमेरिका और यूरोप में बिक्री में गिरावट आई है और वित्तीय अनियमितता के आरोपों में पूर्व बॉस कार्लोस घोसन की गिरफ्तारी के बाद अभी भी गिरावट जारी है। कंपनी का अपने फ्रांसीसी साझेदार रेनॉल्ट के साथ भी सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है, रेनॉल्ट की निसान में 43 फीसद की हिस्सेदारी है।
निसान ने हाल ही में अपनी कमाई का ब्यौरा दिया था जिसमें उसने बताया था कि 2009-10 के बाद से कंपनी की कमाई इस बार सबसे कम रही है। इसमें पिछले वित्त वर्ष की तुलना में 57 फीसद की गिरावट आई है। वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही के दौरान खुदरा आय में 42.2 फीसद की गिरावट आई है।
निसान मोटर इंडिया ने पिछले वित्त वर्ष 2018 में कुछ मॉडल लॉन्च किए थे लेकिन खराब उत्पादन के चलते कंपनी के निर्यात में कमी आई और उसके शुद्ध लाभ में वर्ष-दर-वर्ष 49.30 फीसद गिरावट दर्ज की गई। कंपनी का पिछले वित्त वर्ष में शुद्ध लाभ 122.1 करोड़ रुपये था।