सुप्रीम कोर्ट ने साल 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव याचिका) सोमवार को खारिज कर दी। पवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था। निर्भया मामले में चारों दोषियों को तीन मार्च की सुबह फांसी होनी है।

वकील ए पी सिंह ने बताया था कि उन्होंने रविवार को सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री में एक अर्जी दाखिल कर खुली अदालत में पवन की सुधारात्मक याचिका पर मौखिक सुनवाई का अनुरोध किया। दोषियों में केवल पवन के पास ही अब सुधारात्मक याचिका दायर करने का विकल्प बचा था।
दक्षिणी दिल्ली में 16 दिसंबर 2012 को चलती बस में एक छात्रा से सामूहिक बलात्कार की घटना हुई थी और दोषियों ने बर्बरता करने के बाद उसे बस से फेंक दिया था। बाद में उसकी मौत हो गई। पवन और एक अन्य दोषी अक्षय सिंह ने भी यहां निचली अदालत का रुख कर मृत्यु वारंट की तामील पर रोक लगाने का अनुरोध किया।
जानिए निर्भया के गुनहगारों को
1- राम सिंह-मुख्य आरोपी। गैंगरेप के बाद निर्भया को लोहे की रॉड से बुरी तरह पीटा था। मार्च 2013 में खुदखुशी कर ली।
2- मुकेश सिंह- बस का क्लीनर व राम सिंह का भाई। रेप के बाद इसने भी निर्भया और उसके दोस्त को बुरी तरह पीटा था।
3- विनय शर्मा- मुकेश का दोस्त। रेप के समय बस चला रहा था।
4- पवन गुप्ता- घटना के समय बस में मौजूद था।
5- अक्षय ठाकुर- राम सिंह का दोस्त। मूलत: बिहार से।
6- नाबालिग दोषी- उत्तर प्रदेश के बदायूं का निवासी। निर्भया को बस में चढ़ने का आग्रह करने वाला। तीन साल की कैद पूरी करने के बाद 2015 में रिहा।
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