डॉक्टर ने बताया कि जिनका शरीर करीब 65 किलोग्राम से ज्यादा वजन का होता है, उनकी गर्दन लंबी जल्दी (प्राण निकला) होती है। मेडिकल साइंस भी यही कहता है। जेल की भाषा में गर्दन लंबी होने का मतलब होता है गर्दन का टूटना। जब जल्लाद लीवर को खींचता है तो नीचे 12 फुट गहरे कुए में शरीर नीचे लटक जाता है और उसकी गर्दन मोटी रस्सी से जकड़ी होती है। रस्सी में वैक्स लगाया जाता है ताकि फांसी देते वक्त फंदा कमजोर न हो इस वीभत्स दृश्य को छिपाने के लिए ही काला थैला दोषी के मुंह पर पहले रखा जाता है।
फांसी पर झूलने के बाद उनकी गर्दन को लंबा होने में थोड़ा बहुत वक्त लगता है। वह अपने पैर फड़फड़ाते रहते हैं। इसीलिए फांसी पर लटकाने के बाद दोषी की नाड़ी जांच करने के बीच 2 घंटे का अंतराल रखा जाता है। उनका कहना है कि अक्षय और मुकेश का वजन क्रमश: 52 और 67 किलोग्राम के आसपास है और ये लगातार कम होता जा रहा है। इसीलिए उन्होंने संभावना जताई है कि दो दोषी की गर्दन लंबी होने में थोड़ा वक्त लग सकता है। अन्य दोषी पवन का 81 किलोग्राम वजन बताया जा रहा है।