पिता का कहना है कि उनकी बेटी स्कूल से लेकर कॉलेज तक टॉपर थी। वह पढ़-लिखकर बड़ी अफसर बनना चाहती थी, लेकिन आरोपी और उसकी मां की वजह से वह बहुत तनाव में रहती थी।
पीड़िता के पिता का कहना है कि पहली बार जब बच्ची का अपहरण हुआ था तो उसे छुड़ा लिया गया था। लेकिन उस हादसे के बाद से ही तौसीफ की मां बार-बार निकिता को फोन कर कहती थी कि तुम हमारा धर्म कबूल कर लो। अब तुमसे कौन शादी करेगा। तुम्हारा अपहरण भी हो गया है और अब तुम्हारा क्या होगा। तुम हमारा धर्म कबूल कर मेरे बेटे की हो जाओ।
पिता का कहना है कि उनकी बेटी इस वजह से बेहद परेशान रहती थी। उन्हें नहीं पता था कि दो साल पहले हुई अपहरण की उस वारदात के बाद तौसीफ के खिलाफ ज्यादा सख्त कार्रवाई न करने के चलते उनकी बेटी उनसे दूर हो जाएगी।
उसने मुझे बताया था कि आरोपी की मां उसे फोन कर कहती है कि मेरे बेटे से शादी कर लो क्योंकि अब तुम्हारे अपहरण के बाद तो तुम्हारे मां-बाप तुम्हें घर से भी निकलने नहीं देंगे। तुम्हारे लिए अच्छा है मेरे बेटे से शादी कर लो।