जिला मुख्यालय से 18 किमी दूर ऊन के नारायण कुंड की सफाई में दूसरी बार प्राचीन मूर्ति मिली। मूर्ति की ऊंचाई करीब 3.5 फीट है। यह मूर्ति परमारकालीन बताई जा रही है। उल्लेखनीय है कि ऊन को 99 मंदिरों और बावड़ियों के नगर से भी जाना जाता है। यहां परमारकालीन प्राचीन मंदिर और प्रतिमाएं हैं।
हाल ही में दो जून को कुंड में मनरेगा योजना में हो रही खुदाई में जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की मूर्ति निकली थी। इस मूर्ति के बारे में जिला पुरातत्व संग्रहालय के अधिकारी सुल्तानसिंह अनंत ने बताया था कि परमार कालीन यह मूर्ति संभवतः किसी मंदिर की प्रतिमा होगी, जो मंदिरों के आले (ताक) में स्थापित की जाती है। चूंकि ऊन जैन शिक्षा केंद्र का बड़ा केंद्र रहा है। जैन तीर्थंकर की यह प्रतिमा क्षरित प्रतिमा हैं। इस प्रतिमा में परिचायकों का भी अंकन किया गया है।
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