आधार कार्ड और मतदाता पहचान पत्र में नाम अलग-अलग होने की वजह से जिले के 73819 आवेदकों को आयुष्मान का आशीर्वाद नहीं मिल सका। 2011 की जनगणना सूची के आधार पर बनी आयुष्मान पात्र सूची के अनुसार ये लोग अपात्र घोषित कर दिए गए। इस कारण इन लोगों के आयुष्मान कार्ड नहीं बन सके। अब ये लोग विभाग के चक्कर काट रहे हैं।
सरकार गरीबों को पांच लाख रुपये तक का मुफ्त में इलाज कराने के लिए आयुष्मान कार्ड बनवा रही है। अभी जिन परिवार में छह या इससे अधिक लोग हैं, उनका कार्ड ही बनाया जा रहा है। ये नाम वर्ष 2011 की मतगणना सूची से लिए गए हैं। हालांकि कई ऐसे नाम हैं, जिनके आधार कार्ड और जनगणना सूची में नाम अलग-अलग हैं। जिले में प्रतिदिन करीब 50 शिकायतें आईजीआरएस पोर्टल पर आ रही हैं। इस मसले पर आयुष्मान कार्ड नोडल अधिकारी ने बताया कि सूची में संशोधन का फिलहाल कोई प्रावधान नहीं है। इससे स्पष्ट है कि इनके आयुष्मान कार्ड नहीं बन सकते।
अब तक 2.43 लाख बन चुके हैं आयुष्मान कार्ड
प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्री जन आरोग्य आयुष्मान योजना के तहत एक वर्ष में जिले में 3.20 लाख लोगों ने आवेदन किया था। इसमें से 2.43 लाख आयुष्मान कार्ड बन चुके हैं। 73819 आवेदन पत्र निरस्त किए गए हैं।
स्पेलिंग संशोधन सुविधा साफ्टवेयर में नहीं
अयुष्मान भारत योजना के नोडल डॉ. सुधाकर ने बताया कि ऐसे मामले प्रदेशभर में आ रहे हैं। दरअसल योजना में 2011 की जनगणना का प्रयोग किया है। उस सूची में जो नाम है, उसे ही सही माना जा रहा है। दोनों के नाम में अंतर या बदला हुआ है तो सॉफ्टवेयर रिजेक्ट कर देता है। इस समस्या को सही करने का अभी तक कोई प्रावधान नहीं है।
केस: एक
रामादेवी निवासी कल्पेश का मतगणना सूची में नाम कमलेश हो गया है। इसके चलते वे आयुष्मान कार्ड पात्र सूची में अपात्र हो गए। इसके अलावा बेटी का आधार कार्ड में नाम शिखा है, लेकिन सूची में घर का नाम तन्नो लिखा है। इस कारण उसे भी अपात्र करार दिया गया।
केस: दो
पांडुनगर की रहने वाली नेहा पांडेय का मतगणना सूची में नाम भुनकी लिखा है, जो घर का नाम है। आधार कार्ड में उनका नाम नेहा पांडेय है। जब आयुष्मान कार्ड के लिए आवेदन किया तो इन्हें अपात्र घोषित कर दिया गया।
इतने आवेदन पत्र हुए निरस्त
ब्लॉक, आवेदन
बिधनू 4520
बिल्हौर 3207
चौबेपुर 7394
घाटमपुर 5295
ककवन 3301
कल्याणपुर 5127
भीतरगांव 6297
पतारा 4484
सरसौल 3593
शिवराजपुर 3786
शहर क्षेत्र 26815