यूपी बोर्ड की हाईस्कूल रेग्यूलर परीक्षा में अब 18 वर्ष से ज्यादा आयु के छात्र-छात्राएं शामिल नहीं हो सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा परिषद बोर्ड की बैठक में बुधवार को इस पर निर्णय लिया गया। खासकर यह कदम वित्तविहीन विद्यालयों की मनमानी पर रोक लगाने के लिए उठाया गया है।
यूपी बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा
इसका प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा जाएगा। वहां से अनुमति मिलने पर एक्ट में संशोधन के बाद नई व्यवस्था लागू की जाएगी। शिक्षा निदेशक अमर नाथ वर्मा की अध्यक्षता में हुई बैठक में नए स्कूलों में मान्यता ऑनलाइन देेने, कक्षा नौ से 12 तक योग की कक्षाएं शुरू करने पर भी निर्णय लिया गया।
परिषद मुख्यालय में हुई बोर्ड बैठक में सचिव शैल यादव ने विभिन्न विषयों पर प्रस्ताव रखे। हाईस्कूल की परीक्षा के लिए छात्रों की आयु सीमा अधिकतम 18 वर्ष करने का फैसला वित्तविहीन विद्यालयों पर लगाम लगाने के लिए किया गया।
सरकारी नौकरी में आयु का लाभ लेने के लिए कई बार लोग दोबारा हाईस्कूल की परीक्षा देने के लिए इन विद्यालयों में रेग्युलर छात्र के रूप में रजिस्ट्रेशन करा लेते हैं। इसके अलावा सहायता प्राप्त विद्यालयों में बाहरी स्कूलों के 10 छात्रों की तय सीमा से अधिक का प्रवेश ले लिया जाता है।
इनमें से ज्यादा अधिक आयु के होते हैं। आयु सीमा निर्धारित होने के बाद इस मनमानी पर भी रोक लगेगी। हाईस्कूल की व्यक्तिगत परीक्षा में शामिल होने के लिए आयु सीमा का बंधन नहीं रखा गया है।