केन्द्रीय रिजर्व बैंक( आरबीआई) ने पॉलिसी रेपो रेट में बदलाव न करने का फैसला किया है। यह पहले की तरह 6.25% ही रहेगा। साथ ही रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के 5.75% ही रहेगी। नोटबंदी के बाद देश में बैंकों के सामने अतिरिक्त कैश की समस्या को देखते हुए रिजर्व बैंक ने उन्हें ब्याज दरों के जरिए किसी तरह की राहत देने से मना कर दिया है। लिहाजा, अब आपकी ईएमआई जस की तस बनी रहेगी।बाजार को उम्मीद थी कि नोटबंदी के दबाव से बाहर निकालने के लिए रिजर्व बैंक कम से कम 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर सकता है लेकिन बाजार को मायूस करते हुए रिजर्व बैंक ने रेपो रेट को 6.25 फीसदी पर बरकरार रखा है। रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल ने कहा कि नोटबंदी का फैसला जल्दबाजी में नहीं लिया गया, इससे होने वाली परेशानी का अंदाजा सरकार और आरबीआई को था। उन्होंने कहा कि 2016-17 में जीडीपी ग्रोथ 7.1% रहने का अनुमान है। उर्जित पटेल ने कहा कि 7वें वेतन आयोग में बढ़ाया गया वेतन मंहगाई को घटाने वाला नहीं है।
माना जा रहा था कि नोटबंदी के बाद बढ़े हुए कैश से देश के बैंक आपना कारोबार बढ़ाने की कवायद करेंगे लेकिन आज के फैसले के बाद अब वह पुरानी दरों पर ही कर्ज देने के लिए मजबूर हैं
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