वोटों की फसल काटने के लिए अब हर जरिया अपनाया जाने लगा है। पहले दारू का बोलबाला ज्यादा रहता था, लेकिन इस चुनाव में नशीले पदार्थों ने दारू, रुपया पैसा और सोना-चांदी सबको पीछे छोड़ दिया है। नशीले पदार्थों के सामने दूसरे साधनों की चमक फीकी पड़ गई है। चुनाव आयोग ने 26 मार्च से लेकर 22 अप्रैल तक 1169 करोड़ रुपये से ज्यादा के नशीले पदार्थ जब्त किए हैं।