चैत्र नवरात्र का प्रारंभ इस साल 25 मार्च मंगलवार को हो रहा है। वासंतीय नवरात्र का पहला दिन चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को होता है। नवरात्र के नौ दिनों का शास्त्रों में बहुत महत्व बतया गया है।
इन नौ दिनों देवी के नौ स्वरूपों की पूजा की जाती है। शास्त्रों में इन नौ दिनों में देवी के नौ स्वरूपों की पूजा का प्रावधान है। इन नौ दिनों को अति शुभ माना जाता है और इन दिनों में किए गए कार्य में सफलता की संभावना ज्यादा रहती है।
जिस दिन नवरात्र का प्रारंभ होता है। उस दिन को काफी शुभ माना जाता है। इस बार चैत्र नवरात्र में चार सर्वाथसिद्धि योग, एक अमृतसिद्धि योग और एक रवियोग बन रहा है।
इस तरह से वासंतीय नवरात्र में 6 सिद्ध योग बन रहे हैं। इन दिनों पूजा, उपासना और किसी कार्य को आरंभ करना काफी शुभ माना जाता है। 26 मार्च द्वितीया तिथि के दिन सर्वाथसिद्धि योग है। इस दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा का उत्तन फल मिलेगा।
27 मार्च को तृतीया तिथि के दिन भी सर्वाथसिद्धि योग रहेगा। इस दिन मां चंद्रघंटा की पूजा से उत्तम फल की प्राप्ति होगी। 29 मार्च को पंचमी तिथि के दिन रवि योग बन रहा है।
इस दिन मां स्कंदमाता की पूजा करने से सभी कामनाओं की पूर्ति होती है। 30 मार्च को छठ तिथि के दिन सर्वाथसिद्धि योग बन रहा है। इस दिन मां कात्यायनी की पूजा करने से मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।
31 मार्च को सप्तमी तिथि के दिन सर्वाथसिद्धि योग बन रहा है। इस दिन देवी कालरात्रि की पूजा करने से कार्यों में सिद्धि मिलती है। 30 मार्च को सर्वाथसिद्धि योग के साथ अमृतसिद्धि योग भी बन रहा है। इसलिए नवरात्र के इस दिन का विशेष महत्व है।