मध्यप्रदेश में इस बार नवंबर की शुरुआत से ही सर्दी अपने चरम पर है। इंदौर और भोपाल सहित कई शहरों में तापमान ने रिकॉर्ड तोड़ गिरावट दर्ज की है। इंदौर में 25 साल बाद इतनी कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है, जबकि भोपाल में लगातार सात रातों से न्यूनतम पारा 9 डिग्री से नीचे बना हुआ है। जबलपुर में भी रात का तापमान तेजी से फिसला है। वहीं, प्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन पचमढ़ी अन्य शहरों की तुलना में कम ठंड का अनुभव करा रहा है।
उत्तर से आ रही बर्फीली हवा का मैदानी इलाकों पर ज्यादा असर
मौसम विशेषज्ञ अरुण शर्मा के मुताबिक, उत्तर दिशा से आने वाली तेज और ठंडी हवाएं ग्वालियर, चंबल, उज्जैन, इंदौर, सागर और भोपाल संभाग में अधिक प्रभाव डाल रही हैं। पचमढ़ी दक्षिण भाग में होने के कारण यहां तक हवाएं उसी तीव्रता से नहीं पहुंच रहीं, इसलिए वहां रातें उतनी सर्द नहीं हो रही हैं।लगातार सप्ताह से मैदानी मध्यप्रदेश हिमालयी शहरों से ज्यादा ठंड महसूस कर रहा है। राजगढ़ प्रदेश का सबसे ठंडा शहर है। उत्तर से आने वाली सर्द हवा का सबसे कड़ा प्रभाव राजगढ़ में दिख रहा है, जहां पारा 7.4°C तक पहुंच गया।
शहरो में तापमान इस प्रकार रहा
इंदौर: 7.6°C
भोपाल: 8.2°C
जबलपुर: 9.9°C
ग्वालियर: 11.4°C
उज्जैन: 10.7°C
नौगांव (छतरपुर): 8.4°C
रीवा: 8.9°C
शिवपुरी: 9°C
मलाजखंड: 9.8°C
प्रदेश में कोल्ड डे और कोल्ड वेव दोनों की स्थिति
इस समय मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में कोल्ड डे और कोल्ड वेव की स्थिति बनी हुई है।अनूपपुर और बालाघाट में कोल्ड डे भोपाल, इंदौर, उज्जैन, सागर और शहडोल संभाग के कई जिलों में कोल्ड वेव का असरमौसम विशेषज्ञ बताते हैं कि जब न्यूनतम तापमान 10°C से नीचे हो और अधिकतम तापमान सामान्य से 6.5°C या उससे अधिक गिर जाएतो उसे कोल्ड डे माना जाता है। अनूपपुर और बालाघाट में फिलहाल यही स्थिति है, जहां दिन और रात दोनों का तापमान सामान्य से काफी नीचे चला गया।
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