नन दुष्कर्म केस में गवाह फादर की मौत पर हुआ विवाद

केरल के बहुचर्चित नन दुष्कर्म मामले के आरोपी बिशप फ्रैंको मुलक्कल के खिलाफ बयान देने वाले फादर कुरियाकोस का शव संदिग्ध परिस्थितियों में होशियारपुर के दसूहा में बरामद हुआ है। वह स्कूल के परिसर में पिछले पंद्रह दिन से रह रहे थे। यहां उन्होंने सेंट पाल कान्वेंट स्कूल दसूहा में बतौर फादर कार्यभार संभाला था। कुरियाकोस के परिजनों मौत को संदिग्ध बताते हुए इसकी जांच की मांग की है। इस संबंध में परिजनों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई गई है। वहीं, बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाने वाले दुष्कर्म पीड़िता नन के भाई ने इसे सुनियोजित हत्या करार दिया है।

बताया जा रहा है कि कुरियाकोस रविवार रात को अपने कमरे में सोए हुए थे, लेकिन सोमवार सुबह जब वह काफी देर तक कमरे से बाहर नहीं निकले तो आशंकित स्टाफ ने कमरे में जाकर देखा ताे वह बेड पर पड़े थे। आवाज लगाने पर भी उन्होंने जब कोई जवाब नहीं दिया तो इसके बारे में स्कूल की प्रिंसिपल लिस्बत को  जानकारी दी गई।

प्रिंसिपल लिस्बत इसकी जानकारी उन्हें मिलने पर जब वह स्टाफ के साथ कमरे में पहुंची तो वह बेड पर पड़े थे। आनन-फानन में एंबुलेंस की मदद से उन्हें अस्पताल में पहुंचाया गया, जहां पर डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद इसकी जानकारी दसूहा पुलिस को दी गई।

मामले की जानकारी देतीं प्रिंसिपल लिस्बत।

उधर, क्रिश्चियन फ्रंट के प्रदेश अध्यक्ष लारेंस चौधरी ने कहा कि फादर कुरियाकोस पूरी तरह से स्वस्थ थे। उन्हें किसी प्रकार की कोई बीमारी भी नहीं थी। वे नन दुष्कर्म के मामले में प्रमुख गवाह थे। मामले के  बिशप फ्रैंको मुलक्कल को हाल ही में जमानत मिली थी। उसके बाद से फादर कुरियाकोस तनाव में थे। उनकी मौत के पीछे एक यह भी कारण हो सकता है।

इस घटना की सूचना मिलते ही एसएसपी जे इलनचेयिन भी मौके पर पहुंचे। पुलिस भी मामले को बेहद गंभीरता से ले रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेने के बाद कमरे को सील कर दिया है। फादर कुरियाकोस का पोस्टमार्टम सरकारी अस्पताल दसूहा में करवाया जा रहा है। पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के असली कारणों का पता चलेगा।

नन दुष्कर्म मामले के बाद कुरियाकोस को लगातार धमकियां मिल रही थी। हाल ही में उनकी कार पर हमला भी हुआ था। इस कारण मौत को संदिग्ध माना जा रहा है। 62 वर्षीय कुरियाकोस स्कूल के प्रिंसिपल थे।

दसूहा के डीएसपी एआर शर्मा ने बताया कि फादर कुरियाकोस दसूहा के सेंट पॉल चर्च में रहते थे।वह यहीं बिस्तर पर मृत मिले हैं। ऐसा मालूम हो रहा है कि उन्हें बेड पर उल्टियां हुई थीं। शव के पास ही रक्तचाप की गोलियां मिली हैं। मामले की जांच की जा रही है। उनके शरीर पर किसी तरह के चोट के निशान नहीं मिले हैं। डीएसपी ने बताया कि फादर कुरियाकोस को कोई सुरक्षा मुहैया नहीं कराई गई थी। 

मृत फादर के भाई जोश कुरियाकोश ने बताया कि उन्हें लगातार धमकियां मिल रही थी। इसके कारण वह काफी दिनों से परेशान थे। पुलिस मौके पर पहुंच चुकी है और मामले की जांच में जुटी है। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बिशप फ्रैंको के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने वाली बहन अनुपमा ने कहा कि कुरियाकोस की मौत की खबर सुनकर वह स्तब्ध हैं। फादर कुरियाकोस ने उन्हें पढ़ाया। वह नन दुष्कर्म मामले के प्रमुख गवाह थे। उन्होंने बिशप फ्रैंको के खिलाफ पुलिस को बयान दिए थे। वह उनकी मौत को संदिग्ध मानती हैं।

यह योजनाबद्ध हत्या

बिशप फ्रैंको मुलक्कल पर आरोप लगाने वाले दुष्कर्म पीड़िता नन के भाई का कहना है कि यह एक योजनाबद्ध हत्या है। फादर कुरीकोस ने कहा था कि उनका जीवन खतरे में था। उनकी मौत की जांच की जानी चाहिए। साथ ही सभी गवाहों को पुलिस सुरक्षा दी जानी चाहिए।

जमानत पर हैं आरोपित बिशप

बता दें, नन दुष्कर्म मामले के आरोपित बिशप फ्रैंको मुलक्कन केरल हाई कोर्ट से सशर्त जमानत पर हैं। कोर्ट के अादेशों के अनुसार आरोपी बिशप केरल में प्रवेश नहीं कर सकते। वह विदेश भी नहीं जा सकते। जमानत के बाद फ्रैंको जालंधर पहुंचे थे।

ये है नन दुष्कर्म मामला

गौरतलब है कि केरल मूल के ईसाई धर्मगुरु फ्रैंको मुलक्कल पर एक नन ने दुराचार का आरोप लगाया है। नन का दावा था कि 2014 से लेकर 2016 तक फ्रैंको मुलक्कल ने उनके साथ 14 बार दुष्कर्म किया। वहीं, 28 जून को दुष्कर्म पीडि़ता के बयानों पर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस क्रम में 21 सितंबर को गिरफ्तार हुए बिशप फ्रैंको की जमानत याचिका तीन अक्टूबर को खारिज हो गई थी। इसके लिए जताई गई आपत्तियां के जवाब देने के बाद 15 अक्टूबर को बिशप फ्रैंको मुलक्कल ने केरल हाईकोर्ट से सशर्त जमानत हासिल कर ली। 

घटनाक्रम

  • 28 जून को शिकायत के बाद दुष्कर्म पीडि़ता का बयान दर्ज करने के बाद केरल के कोट्टायम जिले के वाईकोम थाने में दर्ज हुआ केस।
  • 13 अगस्त को पहली बार 9 घंटे बिशप से पूछताछ की गई थी।
  • 13 सितंबर को बिशप ने सर्कुलर जारी कर प्रशासनिक दायित्व फादर मैथ्यु कोकंदम को सौंपा।
  • 19 सितंबर को पुलिस के समक्ष हुए पेश।
  • 21 सितंबर को हुए गिरफ्तार
  • एफआइआर के 85 दिनों के बाद हुई गिरफ्तारी।
  • तीन अक्टूबर को जमानत याचिका हुई रद।
  • 15 अक्टूबर को मिली सशर्त जमानत। केरल में प्रवेश पर पाबंदी। पासपोर्ट भी कोर्ट में रहेगा जमा।
  • 22 अक्टूबर मामले के गवाह कुरियाकोस दसूहा में मृत मिले।

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