सिविल लाइंस में एक हजार करोड़ रुपये की जमीन पर कब्जे के प्रयास के मामले में एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ है। इसमें पता चला है कि आनंदेश्वर एसोसिएट फर्म के खाते से हरेंद्र की संस्था को 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे। इसके बाद अवनीश को पॉवर ऑफ अटार्नी मिली थी।
कानपुर में सिविल लाइंस की एक हजार करोड़ रुपये की जमीन कब्जाने के प्रयास में जेल भेजे गए अवनीश दीक्षित के पक्ष के हरेंद्र मैसी की सामाजिक संस्था के खाते में आनंदेश्वर एसोसिएट नाम की फर्म से 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। यह बात एसआईटी की जांच में सामने आई है। ये वही हरेंद्र ने जिसने नजूल की जमीन को केयर टेकर बताकर पॉवर ऑफ अटार्नी अवनीश के नाम कर दी थी।
इसके बाद अवनीश ने जीतेश झा को पॉवर ऑफ अटार्नी देकर उसे मैनेजर बना दिया था। आनंदेश्वर एसोसिएट फर्म में जीतेश समेत नौ लोग हैं। बाकी लोगों के बारे में जानकारी जुटाने के साथ ही संस्था के बैंक खाते को फ्रीज करा दिया गया है।
एसआईटी की जांच में खुलासा हुआ कि सरकारी जमीन को कब्जाने का प्रयास लगभग 14 साल से चल रहा था। स्कूल की बेशकीमती जमीन हाथ से न जाए, इसलिए आरोपियों ने यहां चलने वाले मैरी एंड मैरी में 38 बच्चों का दाखिला भी दिखा दिया था। एसआईटी जांच के मुताबिक जीतेश ने आनंदेश्वर एसोसिएट्स नाम से एक एजेंसी बनाई, जिसके माध्यम से हरेंद्र की संस्था यूनाइटेड फेलोशिप फॉर क्रिश्चियन सर्विस संस्था को 25 लाख रुपये ट्रांसफर किए। पुलिस ने संस्था के खाते में मिले 22 लाख रुपये सीज करा दिए हैं। साथ ही एसआईटी अब हरेंद्र मसीह और अवनीश गैंग की आपस में कड़ी से कड़ी जोड़ने में जुट गई है।
नजूल की जमीन का केयरटेकर बनाने की पूरी प्रक्रिया ही अवैध
एडिशनल सीपी हरीश चंदर ने बताया कि जमीन का विवाद इमैनुएल और सैमुएल के बीच चल रहा था। हरेंद्र मसीह, फिर अवनीश व जीतेश झा कैसे जमीन के बीच में आ गए, इसकी भी जांच की जा रही है। फरार आरोपी हरेंद्र मसीह अगर जमीन का केयरटेकर है तो वह अवनीश को केयरटेकर कैसे बना सकता है। केयरटेकर की हैसियत वाले अवनीश ने जीतेश झा को कैसे पॉवर ऑफ अटार्नी कर दी। यह पूरी प्रक्रिया ही अवैध है।
नजूल की जमीन की सर्वे पूरा, 639.37 वर्गमीटर भूखंड गायब
केडीए ने नजूल की जमीन का सर्वे कर मंगलवार को रिपोर्ट एसआईटी को सौंप दी है। रिपोर्ट के अनुसार अवनीश दीक्षित व उसके गिरोह के लोगों ने जिस नजूल की जमीन के भूखंडों (ब्लाॅक-15, भूखंड संख्या-69, 69ए प 69बी) पर कब्जे का प्रयास किया। वह 5.89 एकड़ यानि 23858.29 वर्गमीटर थी। केडीए और राजस्व की टीम ने जब सर्वे किया तो मौजूदा समय में भूखंड संख्या-69 में 15688.11 वर्गमीटर, 69ए में 1665.57 वर्ग मीटर व 69बी में 5865.24 वर्गमीटर ही जमीन मिली।
टीम के अनुसार 639.37 वर्गमीटर मीटर जमीन कम है। ऐसे में पुलिस विभाग राजस्व विभाग से भी दोबारा जांच की संस्तुति करेगा। इस बात का भी पता लगाया जाएगा कि बाकी जमीन किस प्रयोग में लाई गई।