नए साल 2020 का सबसे बड़ा तोहफा फ्री हो जाएगी बैंक से जुड़ी ये… सर्विस

वित्त वर्ष 2020-21 के लिए बजट (Budget 2020) पेश करने से ठीक पहले केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेस किया. इस दौरान उन्होंने जानकारी दी कि मर्चेंट डिस्काउंट रेट (MDR) फीस का खर्च सरकार उठाएगी. इस दौरान उन्होंने कहा कि जनवरी के बाद से 50 करोड़ रुपये से अधिक के टर्नओवर वाली कंपनियों को रुपे डेबिट कार्ड और UPI QR के जरिए पेमेंट (Digital Payment) की सुविधा देना होगा. उन्होंने यह भी साफ किया कि इसके लिए ये कंपनियां एमडीआर फीस नहीं वसूलेंगी.

क्या होता है MDR
डेबिट कार्ड (Debit Card Payment) पर MDR वो चार्ज होता है जो मर्चेंट अपने सर्विस प्रोवाइडर को देता है. यह PoS टर्मिनल पर हर बार कार्ड स्वाइप करने के​ लिए चार्ज किया जाता है. यह ऑनलाइन और QR कोड के जरिए लेनदेन के लिए चार्ज किया जाता है.कितना लगता है MDR
मर्चेन्ट द्वारा दिया जाने वाला यह चार्ज तीन स्टेकहोल्डर में बांटा जाता है. इसमें लेनदेन की सुविधा ​देने वाला बैंक, PoS इंस्टॉल करने वाला वेंडर और कार्ड नेटवर्क सर्विस प्रोवाइडर शामिल है. क्रेडिट पर स्वाइप के दौरान लगने वाला यह चार्ज 2 फीसदी तक हो सकता है.

बजट 2019 में वित्त मंत्री ने किया था ये ऐलान बता दें कि जुलाई 2019 में पेश किए गए अपने पहले बजट में वित्त मंत्री ने कहा था कि 50 करोड़ रुपये व उससे अधिक टर्नओवर वाले बिजनेस को डिजिटल पेमेंट के दौरान अपने चार्ज को कम करना चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा था कि इस खर्च का वहन आरबीआई को उठाना चाहिए. 1 फरवरी 2020 को वित्त मंत्री मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश करेंगी.

बैंकों पर सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती CBI
वित्त मंत्री ने सरकारी बैंकों (Government Bank) के वित्तीय प्रदर्शन तथा उनके कारोबार की वृद्धि की समीक्षा करने के लिये इन बैंकों के प्रबंध निदेशकों और मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (CEO) के साथ आज बैठक कीं. प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि बैंक के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो यानी CBI सीधी कार्रवाई नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा कि किसी भी फ्रॉड के मामले में बैंक ही CBI को केस देंगे. बैंक की मंजूरी के बगैर कोई भी केस CBI को नहीं दिया जाएगा.

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