दुनिया के कई देशों में कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन ने तबाही मचानी शुरू कर दी है। इसकी बढ़ती रफ्तार के बीच वैक्सीन निर्माता कंपनी फाइजर (PFfizer) ने चेतावनी दी है और यह कहा है कि कोरोना महामारी वर्ष 2024 तक बनी रह सकती है। जी दरअसल फाइजर का पूर्वानुमान बीते महीने ओमिक्रॉन वैरिएंट के उभरने के बाद आया है, और इसमें वायरस के मूल संस्करण की तुलना में 50 से अधिक म्यूटेशन हैं। ओमीक्रॉन ने संक्रमण के खिलाफ टीके की दो खुराक की प्रभावशीलता को कम कर दिया है और दुनिया भर में तेजी से फैलने का डर पैदा कर दिया है।
आप सभी को बता दें कि फाइजर के मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मिकेल डोलस्टन ने निवेशकों को एक प्रस्तुति में कहा कि, ‘कंपनी को उम्मीद है कि कुछ क्षेत्रों में अगले एक या दो साल में कोरोना महामारी बनी रहेगी। इस अवधी के दौरान अन्य देश में भी संक्रमण फैलेगा।’ वहीं दूसरी तरफ डॉल्स्टेन ने कहा कि, ‘कंपनी का अनुमान है कि वर्ष 2024 तक यह महामारी दुनिया भर में स्थानिक हो जाएगी।’ इसी के साथ उन्होंने यह भी कहा कि, ‘इसकी रफ्तार टीकों के प्रभाव और उपचारों पर निर्भर करेगा। कम टीकाकरण वाले क्षेत्र में वैक्सीन लगाने की गति बढ़ानी होगी।’
आप सभी को बता दें कि ओमिक्रॉन वैरिएंट के आने से पहले, शीर्ष अमेरिकी रोग चिकित्सक एंथनी फाउसी ने भविष्यवाणी की थी कि संयुक्त राज्य अमेरिका में महामारी 2022 में समाप्त हो जाएगी, लेकिन नए वैरिएंट की रफ्तार जिस तरह से बढ़ रही है उससे लग रहा है कि यह भविष्यवाणी गलत साबित हो सकती है। बात करें फाइजर की तो इसके पास Paxlovid नामक एक प्रायोगिक एंटीवायरल गोली भी है, जिसने क्लिनिकल परीक्षण में अस्पताल में भर्ती होने और उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों में होने वाली मौतों को लगभग 90 फीसदी तक कम कर दिया है। वहीं Refinitiv के IBES डेटा को माने तो तीन विश्लेषकों का अनुमान है कि अगले साल इसके लिए 15 बिलियन डॉलर से 25 बिलियन डॉलर की बिक्री होगी। इसके अलावा अमेरिकी कंपनी फाइजर ने जर्मनी के बायोएनटेक एसई के साथ अपना कोविड -19 वैक्सीन विकसित किया है और इसे अगले साल तक 31 बिलियन डॉलर का राजस्व उत्पन्न करने की उम्मीद है।