नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम में अंतर?

आने के बाद लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि क्या नई टैक्स रिजीम अपनाने के बाद दोबारा पुरानी टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से…

 भारत में इनकम टैक्स भरने के लिए लोगों को दो तरह की कर प्रणालियों के विकल्प दिए जाते हैं। पहला – पुरानी टैक्स रिजीम और दूसरा- नई टैक्स रिजीम ।  में नई टैक्स रिजीम को आकर्षक बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्माल सीतारमण की ओर से कई ऐलान किए गए हैं, जिसमें इनकम टैक्स पर 7 लाख रुपये की छूट और 50,000 रुपये की स्टैडर्ड डिडक्शन जैसे बड़े बदलाव हैं

ऐसे में लोगों के मन में ये सवाल उठ रहा है कि क्या एक बार नई टैक्स रिजीम में जाने के बाद दोबारा पुरानी टैक्स रिजीम में लौटा जा सकता है। इसके लिए हमने रिटायर्ड इनकम टैक्स अधिकारी अंकित जैन से बातचीत की है। आइए जानते हैं।

ये लोग बार-बार बदले सकते हैं टैक्स रिजीम

नियमों के मुताबिक, ऐसे लोग जिनकी आय का सोर्स बिजनेस और प्रोफेशन नहीं है, वे हर साल अलग टैक्स रिजीम का चुनाव कर सकते हैं। यानी किसी भी साल नई टैक्स रिजीम से पुरानी टैक्स रिजीम या फिर पुरानी टैक्स रिजीम से नई टैक्स रिजीम में शिफ्ट हो सकते हैं।

इन लोगों को मिलेगा केवल एक बार मौका

केवल बिजनेस और प्रोफेशन से आय अर्जित करने वाले लोगों को टैक्स रिजीम का चुनाव करने का मौका एक बार ही मिलता है। इनकम टैक्स एक्ट की सेक्शन 139(1) के तय पहले से ही तय तारीख पर आईटीआई दाखिल कर या फिर फॉर्म 10IE भरकर जीवन में केवल एक बार ही टैक्स रिजीम को बदला जा सकता है।

नई टैक्स रिजीम और पुरानी टैक्स रिजीम में अंतर

नई टैक्स रिजीम में टैक्सपेयर्स को 80C के तहत मिलने वाली छूट नहीं मिलती है। 7 लाख रुपये से अधिक की आय पर ही टैक्स लिया जाता है। वहीं, पुरानी टैक्स रिजीम में 5 लाख रुपये की आय के बाद से इनकम टैक्स लगता शुरू हो जाता है, लेकिन इसमें 80C के तहत मिलने वाली छूट का लाभ दिया जाता है।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com