बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी (एलजेपी) नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) पर अलग रुख अख्तियार करती नजर आ रही है. एलजेपी नेता और सांसद राम विलास पासवान ने कहा है कि धर्म के आधार पर कोई सरकार किसी की नागरिकता नहीं छीन सकती. बता दें, पूरे देश में सीएए के खिलाफ विरोध प्रदर्शन जारी है और सभी विपक्षी दलों ने इसका एक सुर में विरोध किया है. अब बीजेपी की सहयोगी पार्टी एलजेपी भी इसके खिलाफ उतरती नजर आ रही है.
एलजेपी नेता रामविलास पासवान ने कहा, चाहे दलित, आदिवासी, पिछड़े, अल्पसंख्यक या उगड़ी जाति के लोग हों, वे सभी देश के असली नागरिक हैं. नागरिकता उनका जन्म सिद्ध अधिकार है. कोई सरकार इसे नहीं छीन सकती. किसी भारतीय को बेवजह इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.
पासवान ने कहा, जहां तक राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की बात है तो अभी तक इस पर कोई बात नहीं हुई है. इसका किसी मजहब से लेना देना नहीं है. इसके आधार पर किसी की नागरिकता नहीं ली जा सकती.
एलजेपी नेता रामविलास पासवान ने कहा, ‘सामाजिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता मेरा और मेरी पार्टी का मिशन है. मैंने जीवनभर दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकारों के लिए संघर्ष किया है.’ उन्होंने कहा, ‘कोई भी सरकार नागरिकता तो दूर रही, इनके अधिकार पर उंगली नहीं उठा सकती है.’
पासवान ने ट्वीट कर कहा, ‘नागरिकता (संशोधन) अधिनयम, 2019 को लेकर पूरे देश में सुनियोजित तरीके से भ्रम फैलाया जा रहा है. प्रधानमंत्री ने बार-बार कहा है कि नागरिकता संशोधन कानून नागरिकता देने के लिए है, नागरिकता छीनने के लिए नहीं है.