धन्नीपुर में प्रस्तावित जमीन पर बनने वाली मस्जिद पर विवाद शुरू हो गया है. बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने मस्जिद की डिजाइन की आलोचना की है अंसारी के अनुसार, प्रस्तावित मस्जिद के डिजाइन में एक भी बिंदु इस्लामिक संस्कृति या धार्मिक संरचना के अनुसार नहीं है. अंसारी का कहना है कि मस्जिद का डिजाइन विदेशों की तर्ज पर है. उन्होंने कहा कि हम भारत के लोग हैं और हम भारतीय शैली पर बनी मस्जिद को ही स्वीकार करेंगे.
बता दें कि अयोध्या में बाबरी मस्जिद के स्थान पर फैजाबाद के रौनाही के धन्नीपुर गांव में मस्जिद निर्माण के लिए 5 एकड़ भूमि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर दी गई थी. वहीं प्रस्तावित मस्जिद के डिजाइन का अनावरण 19 दिसंबर को किया गया था.
अब इस डिजाइन से नाखुश बाबरी पक्षकार रहे इकबाल अंसारी ने MEDIA से कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मस्जिद के लिए 5 एकड़ जमीन दी है तो उसके संरचना को भारत में निर्मित मस्जिदों से मिलना चाहिए. उन्होंने जो नक्शा दिखाया है उसकी कोई संरचना नहीं है. मस्जिद या मंदिर में एक शिष्टाचार होता है, और यदि कोई मंदिर शिवाला के बिना है, तो इसे मंदिर नहीं माना जाएगा. सब कुछ धार्मिक परंपराओं के अनुसार होना चाहिए. उन्हें यह समझने की जरूरत है कि यह नमाज अदा करने और पिकनिक का आनंद नहीं लेने के लिए एक जगह है.
अंसारी ने ट्रस्ट की प्रामाणिकता पर भी सवाल उठाया. उनका कहना है कि 70 वर्षों से मस्जिद के लिए लड़ाई लड़ी गई, लेकिन आज अयोध्या के किसी भी पक्षकार से कोई सलाह नहीं ली गई. ट्रस्ट के सचिव अतहर हुसैन ने कहा कि मस्जिद के लिए बनाई गई डिजाइन की कोई प्रतिकृति वास्तुकला नहीं थी, और उनकी अवधारणा एक समन्वित संस्कृति के विचार को बढ़ावा देना है. हमें इस जमीन पर मस्जिद, अस्पताल, म्यूजियम और पुस्तकालय बनाने का अधिकार है.