प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दो दिन में यह भी साफ कर दिया कि गरीब और मध्यमवर्गीय जनता उनके दिल में है तो देश को तरक्की की राह पर ले जाने वाले उद्यमी उनके दिमाग में। वह यह भी बताने से नहीं चूके कि पिछले चार साल में उन्होंने किस तरह आम आदमी के जीवन को सुधारने के लिए कौन से कदम उठाए और इससे जुड़ी हर छोटी-बड़ी बात वह लोगों से साझा करने से नहीं चूके।
हालात पर है नजर
पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत श्रावण मास की बधाई देने के साथ की तो अच्छी बारिश को देश की अर्थव्यवस्था के लिए लाभदायक भी बताया। साथ ही बाढ़ से जूझ रही जनता को भी संदेश दिया कि सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है। कहा कि लोग दिक्कत में हैं और उन्हें राहत देना सरकार की जिम्मेदारी है। बोले कि कल बहन-बेटियों को घर की चाभी देने का मौका मिला तो आज प्रदेश को बदलाव के रास्ते पर ले जाने का। यह भी कहने से नहीं चूके कि यूपी की 22 करोड़ की जनता का कर्ज ब्याज सहित चुकाने का वक्त आ गया है।
सबका साथ-सबका विकास
सबका साथ-सबका विकास में कोई भेदभाव की गुंजाइश सरकार ने नहीं छोड़ी है। जो तरक्की मेट्रो शहरों तक सीमित रह गयी थी अब उसे छोटे शहरों तक ही नहीं, गांवों तक लाना है। इसके लिए सरकार सॉल्यूशन और सिंक्रोनाइजेशन को प्रमोट कर रही है। योजनाओं को आपस में जोड़ा जा रहा है। यूपी मोबाइल निर्माण का देश का सबसे बड़ा सेंटर बन चुका है। जो माहौल बदला है उसके पीछे चार साल में लिए गये फैसले वजह हैं। सरकार का इरादा ऐसे ही फैसले लगातार लेने का है।