देहरादून, महावीर सिंह चौहान। स्मार्ट सिटी का काम अटकाने वाली कंपनियों को बाहर का रास्ता दिखाया जाएगा। शासनस्तर पर हुई बैठक में देहरादून स्मार्ट सिटी लिमिटेड को निर्देश दिए गए हैं कि जिन कंपनियों ने काम बंद कर रखा है, उनके साथ करार समाप्त कर किसी सक्षम कंपनी को काम सौंपा जाए, ताकि अधूरे पड़े काम जल्द पूर किए जा सकें।
देहरादून में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के निर्माण कार्य 2019 से शुरू हुए थे। इन्हें जून 2022 में पूरा होना था, लेकिन कोविड की वजह से एक साल डेडलाइन बढ़ाई गई। अब एक साल के कम समय बाकी है, लेकिन शहर में जहां-तहां काम अधूरे पड़े हैं। सड़कें बदहाल हैं। ड्रेनेज लाइनें बंद हैं। बरसात में सड़कें तालाब बन रही हैं। फुटपाथ अधूरे बने हैं। जहां स्मार्ट सिटी से लोगों को सहूलियत मिली थी, वहीं अधूरे कामों ने मुसीबत खड़ी कर दी है। आरटीआई से मिले आंकड़ों के मुताबिक, स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से स्मार्ट रोड, पलटन बाजार, परेड ग्राउंड सौंदर्यीकरण, ड्रेनेज सीवर लाइन कार्य, मॉडर्न दून लाइब्रेरी तथा स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट के लिए कुल 14 सौ 60 करोड़ का बजट निर्धारित है। इन प्रोजेक्टों के लिए अब तक कार्यदायी संस्थाओं को 407 करोड़ रुपये का बजट जारी हो चुका है। जारी बजट में अधिकतर राशि खर्च भी हो चुकी है है, लेकिन इतना बड़ा बजट खर्च होने के बाद भी दून में स्मार्ट सिटी के ज्यादातर प्रोजेक्टर अधूरे हैं। अगले साल 2023 में निकाय और उसके बाद लोकसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में शहर में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट का शेष कार्य पूरा कराने का दबाव दिख रहा है।
21 में सिर्फ छह प्रोजेक्ट ही हो सके पूरे
स्मार्ट सिटी योजना के तहत दून में 21 प्रोजेक्ट पर काम पूरा होना है, लेकिन इनमें से छह प्रोजेक्ट पर ही मुश्किल से काम पूरा हो सका है। बाकी प्रोजेक्ट पर काम धीमी गति से चल रहा है। ग्रीन बिल्डिंग, चाइल्ड फ्रेंडली सिटी, पलटन बाजार जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट पर काम ही शुरू नहीं हो सके, जबकि स्मार्ट रोड, मल्टीयूटिलिटी डक्ट बिछाने, परेड ग्राउंड सौंदर्यीकरण, ड्रैनेज और स्मार्ट टॉयलेट से जुड़ा काम बहुत धीमी रफ्तार से चल रहा है।
कहां कितना हुआ काम
प्रमुख प्रोजेक्ट कितना हुआ काम
स्मार्ट रोड 30 प्रतिशत
पलटन बाजार सौंदर्यकरण 50 प्रतिशत
परेड ग्राउंड सौंदर्यीकरण 38 प्रतिशत
ड्रेनेज, सीवर लाइ कार्य 30 प्रतिशत
मॉडर्न दून लाइब्रेरी 75 प्रतिशत
स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट 80 प्रतिशत
(नोट- आंकड़े स्मार्ट सिटी लिमिटेड से आरटीआई में प्राप्त)