कोरोना वायरस की रफ्तार भारत में अन्य देशों के मुकाबले अभी तक धीमी है। इसकी वजह यह है कि अभी तक भारत में सामुदायिक स्तर पर प्रसार नहीं हुआ है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री हर्षवर्धन ने शुक्रवार को लोकसभा में भी इस बात को स्पष्ट किया। उन्होंने बताया कि देश में कोरोना वायरस का सामुदायिक स्तर पर प्रसार नहीं हुआ है तथा इसके उपचार के लिए यहां भी वैज्ञानिक शोध चल रहा है।
ऐसा कहा जा रहा है कि भारत सरकार कोरोना वायरस से जुड़ी जानकारियां छुपी रही है। इसी बीच संसद के बजट सत्र में प्रश्नकाल के दौरान मनीष तिवारी और कुछ अन्य सदस्यों के प्रश्नों के उत्तर में यह भी कहा कि इस वायरस की उत्पत्ति के स्रोत को लेकर जो संदेह पैदा हुआ है, उसको लेकर चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि इस वायरस से निपटने के लिए सरकार की ओर से हर उपलब्ध ‘अच्छी जानकारी’ का इस्तेमाल किया जा रहा है।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि सात जनवरी को इस वायरस के बारे में स्थिति पूरी तरह स्पष्ट हुई और आठ जनवरी को ही भारत में तकनीकी विशेषज्ञों की बैठक हुई।
उन्होंने कहा कि इस वायरस के सामुदायिक स्तर पर प्रसार नहीं हुआ है। हर्षवर्धन ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर दुनिया भर में शोध चल रहे हैं और भारत में आईसीएमआर की ओर से शोध चल रहा है।
गौरतलब है कि भारत में 206 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हो चुके हैं। विश्वभर में इस वायरस की चपेट में आकर लगभग 10,000 लोग मारे गए हैं। हालांकि, भारत में अभी तक सिर्फ 5 लोगों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हुई है, जबकि 20 लोग इस वायरस को मात देकर ठीक हो चुके हैं।
दरअसल, कम्युनिटी ट्रांसमिशन कोरोना की तीसरी स्टेज है। कम्युनिटी ट्रांसमिशन का फेज तभी माना जाएगा, जब कोरोना से ग्रसित किसी व्यक्ति के स्रोत का पता नहीं चले, जबकि भारत में इससे ग्रसित होने वाले सभी मरीजों के स्रोत की जानकारी है।
वहीं, इसके बाद पांचवां चरण तब माना जाता है, जब यह महामारी का रूप अख्तियार कर लेता है। इस दौरान तेजी से लोग मरने लगते हैं। इटली इन दिनों चौथे चरण से ही गुजर रहा है, वहां एक-एक दिन में 300 तक लोग मर रहे हैं।