देश के महत्वपूर्ण बैंकों और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों ने कर्ज की ब्याज दरों में इजाफा किया है। एचडीएफसी (HDFC) ने घोषणा की है कि उसने अपनी बेंचमार्क उधार दर में 5 आधार अंकों की वृद्धि की है। यह एक ऐसा कदम हैं, जो नए और मौजूदा उधारकर्ताओं के लिए ईएमआई बढ़ा देगा। बता दें कि एक आधार अंक, एक प्रतिशत अंक का सौवां हिस्सा होता है। HDFC की ओर से कहा गया है कि उसने हाउसिंग लोन पर अपनी रिटेल प्राइम लेंडिंग रेट (RPLR) को 5 आधार अंक बढ़ा दिया है, जो 1 जून, 2022 से लागू हो गया है। यह तीसरी बार है जब एचडीएफसी ने पिछले एक महीने में अपने आरपीएलआर में बढ़ोतरी की है। मई में इसने दो बार में दरों को कुल 35 बीपीएस बढ़ाया।
आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) और पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपनी सीमांत लागत पर आधारित उधार दर (एमसीएलआर) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। सार्वजनिक क्षेत्र के पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) ने अपनी सीमांत लागत आधारित उधार दर में 15 आधार अंकों की बढ़ोतरी की है। पीएनबी की वेबसाइट के मुताबिक बढ़ी हुई दरें 1 जून से लागू हो गई हैं। वहीं, आईसीआईसीआई बैंक (ICICI Bank) की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, उसने भी 1 जून, 2022 से फंड आधारित उधार दर की सीमांत लागत को संशोधित कर दिया है। इनके अलावा, बैंक ऑफ इंडिया ने भी 1 जून, 2022 से कुछ अवधियों के लिए फंड-आधारित उधार दर की सीमांत लागत में बढ़ोतरी की है।
गौरतलब है कि मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट (MCLR) को बेस रेट सिस्टम के विकल्प के रूप में पेश किया गया था और यह बैंकों के लिए एक बेंचमार्क के रूप में काम करता है। एमसीएलआर अवधि के आधार पर अलग-अलग होती है, जो रात भर से लेकर तीन साल तक हो सकती है।