वर्तमान में सात प्रजातियों सुर्खाब, कामनकूट, गैडवाल, लिटिल ग्रेब, इरोशियन विजन, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड के करीब 800 परिंदों के प्रवास पर आने से झील में हर तरफ परिंदे ही परिंदे दिखाई दे रहे हैं। पक्षी बढ़ने पर पक्षी प्रेमी भी पहुंचने शुरू हो गए हैं। एक सुखद पहलू यह भी है कि प्रवासी परिंदों ने आसन झील के साथ ही डाकपत्थर बैराज झील में भी डेरा डालना शुरू कर दिया है। इस प्रकार पछवादून में परिंदों के लिए आसन व डाकपत्थर झील प्रवास के दो स्थल हो गए हैं।
आसन नमभूमि में सबसे पहले सुर्खाब ने दस्तक दी थी, सुर्खाब की संख्या करीब तीन सौ पहुंच गई है, इसके अलावा कामनकूट, गैडवाल, लिटिल ग्रेब, इरोशियन विजन, कामन पोचार्ड, टफ्ड पोचार्ड के प्रवास पर आने से आसन झील में परिंदों का कलरव बढ़ गया है। चकराता वन प्रभाग की लोकल गणना में प्रवासी परिंदों की संख्या करीब आठ सौ आंकी गई है। वन बीट अधिकारी आसन प्रदीप सक्सेना के अनुसार ठंड बढऩे के साथ ही आसन झील में प्रवासी परिंदों की संख्या बढ़ती जाएगी। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह तक कई प्रजातियों के परिंदों और आ जाएंगे। जिसके चलते रात दिन की गश्त की जा रही है।
आसन में ये परिंदे आते हैं प्रवास पर
देश के पहले कंजरवेशन रिजर्व आसन नमभूमि क्षेत्र में वूली नेक्टड, पेंटेड स्टार्क, रुडी शेलडक, ब्लैक आइबीज नया नाम रेड कैप्ट आइबीज, पलास फिश ईगल, ग्रेट क्रेस्टेड ग्रेब, ग्रे लेग गूज, रुडी शेलडक, गैडवाल, इरोशियन विजन, मैलार्ड, स्पाट बिल्ड डक, कामन पोचार्ड, टफ्ड डक, पर्पल स्वेप हेन, कामन मोरहेन, कामन कूट, ब्लैक विंग्ड स्किल्ड, रीवर लोपविंग, ब्लैक हेडेड गल, पलास फिश ईगल, इरोशियन मार्क हेरियर, लिटिल ग्रेब, डारटर, लिटिल कोरमोरेंट, लिटिल इ ग्रेट, ग्रेट इ ग्रेट, ग्रे हेरोन, पर्पल हेरोन कामन किंगफिशर, व्हाइट थ्रोटेड किंगफिशर, पाइज्ड किंगफिशर आदि प्रजातियों के परिेंदे प्रवास पर आते हैं।