देवादिदेव महादेव को संहार का देवता माना जाता है, लेकिन उनके भक्त कल्याण के लिए उनकी पूजा करते हैं। भोलेनाथ बुराइयों के और दुष्टों के संहार करने वाले देवता माने जाते हैं।
स्मरणमात्र से वो प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए उनको भोलेनाथ कहा जाता है। उनकी क्रोधाग्नि का रूप भयंकर है तो उनकी सौम्यता से वो भक्तों की झोली भर देते हैं। ऐसे श्रीशिव की आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाता है।
महादेव की आराधना का फल भक्तों को पूरे साल मिलता है, लेकिन विशेष अवसरों पर की गई आराधना विशेष फलदायी होती है , जिससे भक्तों की सभी ईच्छाएं पूर्ण हो जाती है।
सोमवार को शिव का वार कहा जाता है। इस दिन महादेव की पूजा का विधान है। सावन मास शिव को समर्पित मास है। इस मास में शिव आराधना करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है।
प्रदोष तिथि में प्रदोष काल में शिव पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। हर महीने में एक शिवरात्री तिथि आती है इस दिन शिव पूजा का उत्तम फल मिलता है। इसी तरह साल में एक बार आने वाली महाशिवरात्रि का शिवपूजा में विशेष महत्व है।
मान्यता है कि महाशिवरात्रि के दिन व्रत रखकर विधि-विधान से महादेव की पूजा करने से शिव उपासकों की सभी मनोकामना पूर्ण होती है। महाशिवरात्रि का त्यौहार फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को आता है। इस साल महाशिवरात्रि का त्यौहार 21 फरवरी शुक्रवार को मनाया जाएगा।